17वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर बनाए गए एमपी के ये सांसद

भोपाल

देश में 17वीं लोकसभा के गठन के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। मोदी सरकार ने अपना प्रोटेम स्पीकर चुन लिया है। सरकार ने एमपी के टीकमगढ़ से बीजेपी सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। अब खटीक सभी नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे।   हाल के चुनाव में वो कांग्रेस प्रत्याशी किरण अहिरवार को हराकर संसद पहुंचे हैं। इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार का नाम सामने आ रहा था जो लोकसभा के लिए आठ बार चुने गए हैं , लेकिन उनके मंत्री बनते ही वो लिस्ट से बाहर हो गए।वही चर्चा में बीजेपी की सबसे वरिष्ठ नेता मेनका गांधी का भी नाम शामिल रहा था, लेकिन वो भी बाहर हो गई।

आपको बता दे कि वीरेंद्र कुमार खटीक दलित समुदाय से आते हैं और लो प्रोफाइल नेता के तौर पर उनकी पहचान रही।खटीक पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। साथ ही वह टीकमगढ़ से छह बार से सांसद हैं। बचपन से ही आरएसएस से जुड़े खटीक को सागर और टीकमगढ़ क्षेत्र में सादगी के लिए जाना जाता है। कई बार वह आने-जाने के लिए लिफ्ट लेते हुए भी दिखाई दिए हैं।17 जून को संसद सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। उसी दिन एक प्रोटेम स्पीकर की भी नियुक्ति की जाएगी। पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति 19 जून के बाद की जाएगी। प्रोटेम स्पीकर के द्वारा सभी निर्वाचित सांसदों को शपथ दिलवाई जाएगी। स्पीकर की नियुक्ति के बाद दोनों सदन प्रस्ताव पर धन्यवाद देंगे और इसके बाद पीएम मोदी इसका जवाब देंगे

17  जून से शुरु होगा पहला सत्र

लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से शुरू होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार अपना पहला बजट पांच जुलाई को संसद में पेश करेगी। संसद का यह सत्र 40 दिनों तक चलेगा और और इसमें 30 बैठकें होंगी। संसद सत्र के पहले दो दिनों के दौरान नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। लोकसभाध्यक्ष का चुनाव 19 जून होगा।यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किया जायेगा। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एक फरवरी 2019 को पेश किया था।

क्या होता है प्रोटेम स्पीकर

प्रोटेम स्पीकर का पद कुछ समय के लिए होता है। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है। आमतौर पर प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति तब तक के लिए होती है, जब तक लोकसभा या विधानसभा अपना स्थाई अध्यक्ष नहीं चुन लेती है। प्रोटेम स्पीकर ही नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलवाते हैं। सांसदों के शपथ के बाद ही लोकसभा स्पीकर का चुनाव होता है। संसदीय परंपरा के अनुसार राष्ट्रपति सदन में वरिष्ठतम सदस्यों में से किसी एक को प्रोटेम स्पीकर के लिए चुनते हैं।नए स्पीकर के चुनाव के बाद प्रोटेम स्पीकर का काम समाप्त हो जाता है।

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