10.34 लाख लोगों ने एक सप्ताह में ही छोड़ी मनरेगा मजदूरी, मूल काम पर लौटे मजदूर

 लखनऊ                                                                                             
लॉकडाउन समाप्त होने के बाद शुरू हुई औद्योगिक और कारोबारी गतिविधियों से राज्य के मजदूरों को फिर से रोजगार मिलने लगा है। सब कुछ बंद रहने से जो ग्रामीण मजबूरी में मनरेगा से रोजी-रोटी की व्यवस्था कर रहे थे, वह अब मनरेगा का काम छोड़ने लगे हैं। महज एक सप्ताह के अंदर ही 10 लाख 34 हजार 598 मजदूरों ने मनरेगा का काम छोड़ा है। इस ट्रेंड को सकारात्मक नजरिए से देखा जा रहा है। 

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लंबे समय तक चले लॉकडाउन के दौरान ग्रामीणों को उनके गांव में रोजगार से जोड़े रखने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनरेगा का काम देने का काम शुरू किया गया था। 

21 अप्रैल को 146581 मजदूरों को काम दिया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ग्राम्य विकास विभाग ने मनरेगा के तहत अधिक से अधिक काम देने और प्रवासी मजदूरों को भी जोड़ने का अभियान शुरू किया। जिसके बाद लगातार गांवों में मनरेगा मजदूरों की संख्या में इज़ाफा होता रहा। 15 मई को राज्य में 27 लाख से अधिक मनरेगा मजदूर काम पर लगा दिए गए थे। एक जून को 39 लाख से अधिक मनरेगा मजदूर गांवों में काम कर रहे थे।

15 जून को प्रदेश में रिकॉर्ड 57 लाख 12 हजार 975 मजदूर मनरेगा के तहत काम पर थे। 15 जून के बाद मनरेगा का काम कर रहे मजदूरों के अपने मूल व्यवसाय में जाने का क्रम शुरू हुआ है। सोमवार को काम पर लगे मनरेगा मजदूरों की संख्या घटकर 46 लाख 78 हजार 377 रह गई थी। माना जा रहा है कि यह संख्या अभी और कम होगी। 

मजबूरी में मनरेगा का काम कर रहे थे मैकेनिक व दुकानदार
अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार के मुताबिक शहरों और कस्बों में कारोबारी, औद्योगिक गतिविधियां, निर्माण कार्य शुरू होने और बाजारों के खुलने से ग्रामीण अपने मूल काम की तरफ लौटने लगे हैं। मनरेगा में काम की कोई कमी नहीं है। जो लोग भी काम करना चाहते हैं उन्हें काम दिया जा रहा है। बरसात के दौरान निर्माण कार्य मनरेगा से कराए जाएंगे। सामान्य मजदूरी दर न्यूनतम 350 रुपये प्रतिदिन मिलती है, जो कि मनरेगा से अधिक है। 

प्रमुख पांच जिले जहां बड़ी तादाद में मनरेगा मजदूर काम कर रहे थे।  15 जून के बाद से अब तक इन जिलों में 44 से 50 हजार मजदूरों ने मनरेगा की मजदूरी छोड़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *