​​​​​​​गौठान के माध्यम से कृषि प्रबंधन की विशेष योजना, ​​​  नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना का हो रहा क्रियानवयन 

अम्बिकापुर 
 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा किसानों के हितों को दृष्टिगत रखकर कृषि प्रबंधन पर आधारित नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना का पूरी संजीदगी एवं शीघ्रता के साथ क्रियानवयन किया जा रहा है। अन्नदाता किसानों के कृषि कार्य में मवेशियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस बात को दृष्टिगत रखकर गांव में गौठान बनाये जा रहे हैं। गौठान में पालतू गोवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं के खानपान पर विशेष ध्यान देते हुये गांव के समीप भू-भाग पर शेड़ बनवाये जा रहे है, जहां पवेशियों के खाने-पीने का बेहतर प्रबंधन किया जा रहा है। गौठान क्षेत्र में चारगाह विकसित किया जा रहा है ताकि पशुओं को अच्छी गुणवत्ता का घास प्राप्त हो सकें। 

गौठान क्षेत्र में नेपीयर घास का उत्पादन भी किया जा रहा है। साथ ही गौठान में शेड, गौठान में नापेड़ टाका, मचान, वर्मीकम्पोस्ट टैंक, अंजोला टैंक तथा सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम भी लगाया जा रहा है। इसके साथ ही पेयजल की व्यवस्था खाद, उत्पादन एवं पशु चारे का उत्तम प्रबंध किया जा रहा है। सरगुजा जिले में कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर के मार्गदर्शन में आठ आदर्श गौठान सहित कुल 67 गौठान विकसित किये जा रहे हैं। गौठानों के विकसित होने से किसानों द्वारा साग-सब्जिओं का बेहतर उत्पादन हो सकेगा। 

राज्य शासन की इस महत्वकांक्षी योजना के द्वारा किसानों को खेती के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे है। गावों के समीप बहने वाले नालों में जगह-जगह पर चेक डेम बनाकर जल संचय किया जा रहा है। इससे दिन-प्रतिदिन घट रहें जल स्तर को रोकने में भी मदद मिलेगी। किसानों को जल स्रोतों से सिंचाई की सुविधा प्रदान करने के लिए सोलर सिस्टम एवं विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। किसान साग-सब्जियों का अच्छा उत्पादन कर सकें, इस हेतु उद्यान विभाग के अधिकारियों को गुणवत्तायुक्त बीज एवं पौधे उपलब्ध करने के निर्देश दिये गये है। 

नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के तहत जिले में 58 नालों में पानी रोकने हेतु 454 कार्य स्वीकृत किये गये है। इन नालों मे पानी संचय करने से लगभग 414 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। कलेक्टर डॉ सारांष मित्तर के निर्देषानुसार गांवों के समीप स्थित नालों में स्थानों का चिन्हाकन कर चेक डेम बनाने के कार्य को शीघ्रता से किया जा रहा है। जिले के सात विकासखण्डों में नरवा कार्यक्रम के अंतर्गत जीआईएस मैपिंग के आधार पर 58 नालों का चिन्हांकन किया गया है। नालों पर पानी रोकने के कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना, जल संसाधन, आईडब्ल्यूएमपी तथा वन विभाग द्वारा पानी संचय कार्य किया जा रहा है। जनपद पंचायत अम्बिकापुर अंतर्गत 5 नालों में 35 चेक डेम , बतौली जनपद के 2 नालों में 4 कार्य, लखनपुर जनपद के 10 नालों में 39 चेक डेम , लुण्ड्रा जनपद में 12 नालों में 71 चेक डेम, उदयपुर जनपद के 16 नालों में 113 चेक डेम, सीतापुर जनपद के 9 नालों में 99 चेक डेम तथा मैनपाट जनपद में 4 नालों में 93 चेक डेम स्वीकृत किये गये है।

जिले के 67 ग्राम पंचायतों में गौठान के निर्माण हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोेजगार ग्रामीण योजना के तहत 4 करोड़ 77 लाख 23 हजार रूपये स्वीकृत किये गये है। अम्बिकापुर जनपद के 15 ग्राम पंचायतों के 28.5 एकड में गौठान विकसित करने हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के तहत 99 लाख 11 हजार रूपये स्वीकृत किया किया गया है। इसी प्रकार बतौली जनपद के 7 ग्राम पंचायतों के 24.5 एकड में गौठान विकसित करने हेतु मनरेगा के तहत 47 लाख 56 हजार रूपये, लखनपुर के 11 ग्राम पंचायतों के 30.1 एकड में गौठान विकसित करने हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के तहत 77 लाख 65 हजार रूपये, लुण्ड्रा के 11 ग्राम पंचायतों के 60.7एकड में गौठान विकसित करने हेतु मनरेगा के तहत 87 लाख 12 हजार रूपये, मैनपाट के 6 ग्राम पंचायतों के 21.35 एकड में गौठान विकसित करने हेतु मनरेगा के तहत 39 लाख 92 हजार रूपये, सीतापुर  के 8 ग्राम पंचायतों के 33.3 एकड में गौठान विकसित करने हेतु मनरेगा के तहत 58 लाख 15 हजार रूपये, उदयपुर के 9 ग्राम पंचायतों के 34.13 एकड में गौठान विकसित करने सरगुजा संभाग के कमिश्नर श्री ए.के.टोप्पो द्वारा शनिवार को अम्बिकापुर जनपद अंतर्गत आने वाले सरगवां ग्राम के आदर्श गौठान का निरीक्षण करते हुये संबंधित अधिकारियों को गौठान को उद्देश्यों के अनुरूप आदर्श स्वरूप में विकसित करने के निर्देश दिये गये। इस दौरान उन्होंने निर्माणाधीन गौठान परिसर, चारागाह, डबरी, गौसेड़ का निरीक्षण किया। उन्होंनें अधिकारियों को उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करते हुये गौठान निर्माण को शीघ्र पूर्ण करने निर्देशित किया। कमिश्नर श्री टोप्पो ने अधिकारियों से ग्रामीणों को गौठान निर्माण के उद्देश्यों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देने के निर्देश दियेे, ताकि ग्रामीण अपने पशुओं को गौठान में रखने के लिए प्रेरित हों। 

कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर द्वारा गौठान एवं चारागाह का निरीक्षण करते हुये समतलीकरण के निर्देश दिये गये। उन्होंने उद्यान विभाग के अधिकारियों से किसानों को सब्जी के बीज और पौधे उपलब्ध कराने निर्देशित किया। उन्होंने अधिकारियों को गौठान के सभी कार्योें को शीघ्र पूर्ण करने कहा है। उन्होंने गौठान निर्माण से संबंधित निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी नियमित रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

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