​बारिश में फंगल इंफेक्शन का खतरा

वैसे तो फंगल इंफेक्शन किसी भी मौसम में हो सकता है गर्मी और उमस भरे मॉनसून के सीजन में फंगल इंफेक्शन का ज्यादा खतरा रहता है। इस मौसम में आपको दाद-खाज, खुजली, पैर और नाखून में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है, जिसपर आपको ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि आखिर इस तरह के इंफेक्शन होने की वजह क्या है और इनसे दूर कैसे रहा जा सकता है…

​इस वजह से होता है संक्रमण
मॉनसून में होने वाले ये संक्रमण गंदगी या दूषित पानी के संपर्क में आने से होते हैं। इसके अलावा अगर आप सिंथेटिक कपड़े पहनते हैं, तो आपकी त्वचा सांस नहीं ले पाती, जो कि फंगल संक्रमण के कारणों में से एक है। अगर आप डायबीटीज या मोटापे के शिकार हैं तो आपको फंगल संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि किसी भी प्रकार का संक्रमण होने पर डॉक्टर को दिखाना जरूरी है लेकिन आयुर्वेदाचार्य डॉ. ए के मिश्रा बता रहे हैं कि कैसे आप अपने घर में बैठे-बैठे फंगल संक्रमण से छुटकारा पा सकते हैं…

​ठंडा सेक
बर्फ के टुकड़े से भरे एक प्लास्टिक बैग को एक साफ-सुथरे कपड़े में लपटे लें और बस आपका ठंडा सेक तैयार है। जिस जगह दाद, खाज और खुजली हो वहां हर 15 मिनट के अंतराल पर ठंडा सेक लगाएं। इससे खुजली और दर्द में कमी आएगी।

​सेब का सिरका
इसका उपचार बहुत पहले से त्वचा संबंधी ऐलर्जी की समस्या में किया जाता रहा है। इसमें बस थोड़ा सा पानी मिलाइए और इस घोल में रुई को डुबोइए और प्रभावित हिस्से पर धीरे-धीरे लगाइए। सेब के सिरके में एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो राहत प्रदान करते हैं।

​नीम की पत्तियां
मुठ्ठीभर नीम की पत्तियों को करीब 10 मिनट तक उबालइए। इन नीम की पत्तियों के चिकित्सा गुण पानी में चले जाएंगे। उसके बाद इस पानी से नहा लीजिए और कुछ पानी को बाद में प्रयोग के लिए रख दीजिए। नीम की पत्तियों में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो त्वचा में मौजूद अशुद्धियों और विषाक्त पदार्थों को साफ कर देते हैं।

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