​क्या IVF प्रसीजर पूरी तरह से सेफ है?

फर्टिलिटी यानी बांझपन से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे कपल्स को फैमिली शुरू करने में मदद करने की तकनीक का नाम है- इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी IVF. इस प्रक्रिया में अंडे को शरीर के बाहर ही स्पर्म से संगलित कराया जाता है और फिर ऑब्जरवेशन में रखने के बाद उस तैयार भ्रूण को गर्भाशय में वापस डाल दिया जाता है। बावजूद इसके IVF से जुड़े कई मिथक हैं जिन्हें सच मानकर लोग IVF को सेफ नहीं मानते। इन मिथकों के बारे में यहां जानें…

​मिथक: ओवरवेट लोगों में काम नहीं करता IVF
हकीकत: जब कोई महिला गर्भधारण करने की कोशिश कर रही होती है, फिर चाहे वह नैचरल तरीके से गर्भधारण कर रही हो या फिर IVF के जरिए इन दोनों ही प्रकियाओं में मोटापा, सबसे बड़ी दिक्कत बन सकता है। बावजूद इसके यह बात पूरी तरह से मिथक है कि IVF सिर्फ हेल्दी बॉडी शेप वाली महिलाओं में ही सफल होता है। डॉक्टरों की मानें तो मोटापा और बीएमआई का फर्टिलाइजेशन प्रोसेस पर कोई असर नहीं पड़ता। मोटापे की वजह से महिला के शरीर में एग काउंट में कमी आ सकती है लेकिन इस वजह से IVF सफल नहीं होगा ऐसा नहीं है।

​मिथक: IVF से पैदा बच्चे, सामान्य बच्चों से अलग होते हैं
हकीकत: यह बात पूरी तरह से गलत और झूठ है कि IVF तकनीक से जन्म लेने वाले बच्चे सामान्य बच्चों से अलग होते हैं। इन दोनों ही तरह के बच्चों में अंतर सिर्फ गर्भधारण करने के तरीके का होता है। IVF से जन्म लेने वाले बच्चे सामान्य बच्चों जितने ही हेल्दी होते हैं।

​मिथक: अंडों को फ्रीज करने से उन्हें नुकसान होता है
हकीकत: बहुत सी महिलाएं सिर्फ इस वजह से IVF ट्राई नहीं करतीं क्योंकि उन्हें लगता है कि अंडों को फ्रीज करवाने से उनकी गुणवत्ता कम हो जाती है और बच्चे में जन्मजात दोष हो सकता है। लेकिन हकीकत इससे अलग है। IVF प्रक्रिया से बनने वाला भ्रूण पूरी तरह से मजबूत होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि महिला के शरीर में पाए जाने वाले अंडें फ्रीजर में लंबे समय तक सुरक्षित रह सकते हैं और वे न तो कमजोर पड़ते हैं और ना ही खराब होते हैं।

​मिथक: IVF से बढ़ता है कैंसर का खतरा
हकीकत: IVF से जुड़ा सबसे बड़ा मिथक ये है कि IVF ट्रीटमेंट करवाने से जब महिलाओं के शरीर में एक्सट्रा हॉर्मोन डाला जाता है तो इससे महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। साइंस ने इस बात को भी गलत साबित किया है। सालों तक हुई स्टडीज में यह बात साबित हो चुकी है कि IVF करवाने से किसी भी तरह के कैंसर को बढ़ावा नहीं मिलता है और IVF से इंफेक्शन का खतरा भी बेहद कम होता है।

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