होशंगाबाद रेत परिवहन विवाद में कलेक्टर शीलेंद्र सिंह की बड़ी चूक का खुलासा

भोपाल
होशंगाबाद में रेत को लेकर हुए विवाद में कलेक्टर शीलेंद्र सिंह की एक बड़ी चूक का खुलासा हुआ है। कलेक्टर ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति जारी हुए बगैर ही कुलामड़ी और अन्य भंडारण स्थलों से रेत के परिवहन की परमिशन दे दी थी। शासन की जानकारी में आने के बाद यहां से रेत परिवहन का काम रोक दिया गया है। इस खुलासे के बाद कलेक्टर सिंह पर शासन एक्शन ले सकता है।

तीन दिन पहले होशंगाबाद में कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और एसडीएम रवीश श्रीवास्तव के बीच हुए विवाद में नया खुलासा हुआ है। दरअसल एनजीटी ने आदेश दिए हैं कि जहां भी रेत का भंडारण किया गया है वहां से रेत का परिवहन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लिए बगैर नहीं किया जा सकेगा। नर्मदा नदी से निकाली गई इस रेत के परिवहन के मामले में राज्य शासन ने नई रेत नीति जारी करने के साथ ही भंडारण के लाइसेंस निरस्त कर दिए थे और कलेक्टरों को सात दिन में सत्यापन के बाद परिवहन की अनुमति जारी करने के निर्देश दिए थे।

कलेक्टर होशंगाबाद ने नई नीति के तहत सत्यापन तो करा लिया पर इसके लिए एनजीटी के निर्देशों का पालन नहीं कराया। इसलिए जब कलेक्टर सिंह और एसडीएम श्रीवास्तव के बीच विवाद सामने आया तो शासन ने कलेक्टर द्वारा दी गई अनुमति को एनओसी जारी होने तक रुकवा दिया है। अब कुलामड़ी समेत अन्य स्थानों पर परिवहन बंद है। इस खुलासे के बाद कलेक्टर सिंह पर एक्शन होना तय माना जा रहा है।

इस मामले में एसडीएम श्रीवास्तव ने आरोप लगाया था कि रेत भंडारण का निरीक्षण करने जाने पर कलेक्टर ने रात में बंगले पर बुलाकर तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा था। वहीं कलेक्टर ने नर्मदा क्लब की जमीन की फाइल नहीं देने के चलते बंगले बुलाने की बात कही थी और बंधक बनाने से इनकार किया था। इसकी रिपोर्ट शासन ने कमिश्नर से मांगी है।

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