हेयर स्मूदनिंग या स्ट्रेटनिंग, जानें क्या है बेहतर?

हेक्टिक लाइफस्टाइल में ज्यादातर लोगों के पास बालों की देखभाल के लिए वक्त नहीं निकल पाता। ऐसे सिल्की और शाइनी बालों की चाहत में लोग पार्लर जाकर तरह-तरह के ट्रीटमेंट अपनाने लगते हैं। ड्राई और फ्रिजी बालों को ठीक करने के लिए ज्यादातर लोग स्ट्रेटनिंग चुनते हैं वहीं कुछ लोग स्ट्रेट हेयर ट्रेंड फॉलो करने के लिए भी बाल स्ट्रेट करवाते हैं। लेकिन स्ट्रेटनिंग वाकई बालों के लिए सही ट्रीटमेंट है या इसकी जगह हम स्मूदनिंग भी करवा सकते हैं? आइए जानते हैं…

क्या है हेयर स्मूदनिंग
हेयर स्मूदनिंग एक केमिकल प्रक्रिया है जिसमें बालों को फॉर्मेल्डिहाइड सॉल्यूशन में सैचुरेट किया जाता है। सैचुरेशन के बाद इन्हें हीटिंग आयरन से स्ट्रेट करके सुखाया जाता है। बता दें कि फॉर्मेल्डिहाइड को किसी एक्सपर्ट के सुपरविजन में ही इस्तेमाल करना चाहिए।

स्मूदनिंग के साइड इफेक्ट्स
स्मूदनिंग से स्किन, आंखों और सांस की नली के ऊपरी हिस्से में जलन हो सकती है।

क्या है स्ट्रेटनिंग
हेयर स्ट्रेटनिनंग में हेयर रीबिल्डिंग होती है। इसमें जो केमिकल्स इस्तेमाल किए जाते हैं वे बालों के शैफ्ट के बॉन्ड को हमेशा के लिए तोड़ देते हैं। इन्हें हीट करके फिर से बनाया जाता है। इसके बाद जो नए बॉन्ड बनते हैं उन्हें जोड़ने के लिए केमिकल लगाया जाता है। इसे थर्मल रिकंडिशनिंग भी कहते हैं।

स्ट्रेटनिंग के साइड इफेक्ट्स
स्ट्रेटनिंग की प्रक्रिया में बालों को ज्यादा नुकसान पहुंचता है। केमिकल्स और बालों के नैचरल बॉन्ड से छेड़छाड़ बालों को कमजोर बनाती है।

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