हास्टल से निष्कासित होने के बाद 100 रूपए के स्टांप पर अंडरटेकिंग देंगे उपद्रवी स्टूडेंट
भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के हॉस्टल में छात्रों के बीच हुई वर्चस्व की लड़ाई को लेकर तीन छात्रों को जिम्मेदार ठहराया गया है। दो दिन प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने करीब 20 से छात्रों के बयान दर्ज किए हैं। उनकी रिपोर्ट में तीन छात्रों को दोषी पाया गया है। जिन्हें तत्काल हॉस्टल से बाहर कर दिखा दिया गया है। इसमें ईसी सेकंड ईयर के अश्लेय अलेक्जेंडर, आॅटोमोबाइल सेकंड ईयर के अभिजीत मिश्रा और पेट्रोकेमिकल सेकंड ईयर के ऋ षभ गिरी शामिल हैं। उपद्रवी विद्यार्थियों के अभिभावकों को 100 रुपए के स्टांप अंडरटेकिंग देना होगी। यहां तक उन्हें एसओडी और हॉस्टल वार्डन से मिलकर विद्यार्थियों की सफाई भी देना होगी।
आरजीपीवी में सोमवार दोपहर हॉस्टल के छात्रों में विवाद हुआ था। अंगुली दिखाकर चिढ़ाने पर हास्टल में भेल और नान भेल विद्यार्थियों के गुटों में बर्चास्व को लेकर विवाद बना हुआ है, जिसे आरजीपीवी ने अपनी कार्रवाई कर ठंडा कर दिया है। यूआईटी आरजीपीवी ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड को जांच करने के निर्देश दिए थे। बोर्ड के सुधीर सिंह भदौरिया, आरके चिढ़ार और मनोज पांडे की कमेटी ने बीस विद्यार्थियों के बयान लेकर जांच रिपोर्ट बुधवार को डायरेक्टर आरएस राजपूत को सौंप दी। रिपोर्ट के आधार पर डायरेक्टर राजपूत ने तीनों छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित कर दिया है। हालांकि ये विद्यार्थी पूर्व में भी कुछ प्रकरणों में दोषी पाए गए थे, जिसके तहत विवि ने उन्हें आर्थिक रूप से दंडित भी किया था। निष्कासित की कार्रवाई होने के बाद अब उनके होस्टल की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है।
उपद्रवी तीनों छात्रों को हास्टल में पूर्व की घटनाओं में दोषी पाया गया है। इसलिए 100 रुपए के स्टांप पर उनके पालकों से अंडरटेकिंग ली जाएगी। इससे साफ होगा कि भविष्य में उक्त विद्यार्थी इस प्रकार की घटनाओं में दोषी पाए जाते हैं, तो उनके प्रवेश को निरस्त कर बर्खास्त कर दिया जाएगा। पालकों को सात दिन के स्टांप तैयार कराकर यूआईटी प्रशासन को सौंपना है। इसमें पालकों को लिखकर देना होगा कि उनके बच्चे आरजीपीवी के यूआईटी परिसर की किसी तरह की घटना में शामिल हुए, तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। निदेशक राजपूत ने बताया कि इन छात्रों को प्रशासन ने पहले भी जुमार्ना लगाकर छोड़ दिया था, इसके बावजूद छात्र अपने आदतों से बाज नहीं आए हैं। इसके चलते छात्रहित और हॉस्टल में अनुशासन बनाएं रखने के चलते यह निर्णय लिया गया है।