हाईटेक अदालत की पहल: कैदियों की वीडियो कांफ्रेंस से होगी पेशी, चीफ जस्टिस करेंगे शुभारंभ

जबलपुर
मध्यप्रदेश के किसी भी सेंट्रल जेल से कैदी अब पेशी के लिए कल से अदालत नहीं ले जाए जाएंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए ब्राडबैंड  के जरिए जेल और अदालतों को जोड़ दिया गया है। एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एसके सेठ 23 जनवरी को इसका शुभारंभ करेंगे। जेल प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। 

प्रदेश में वीडियो कांफे्रंसिंग के जरिए कुख्यात कैदियों सहित अन्य कैदियों को कोर्ट के समक्ष आॅनलाइन पेश करने की व्यवस्था की शुरूआत कल हो रही है। सभी जेलों में हाईटेक आॅनलाइन पेशी रूम जेल परिसर में तैयार किए गए हैं। जेलों में बंद हार्डकोर नक्सली, डकैत एवं कुख्यात बदमाशों को कोर्ट में पेश करने के लिए किए जाने वाले भारी सुरक्षा इंतजाम पर लाखों रूपए खर्च करने पड़ते हैं।   

जेलों में बनाया गया हाईटैक आॅनलाइन पेशी रूम, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रे ंसिंग के लिए हाई स्पीड इंटरनेट, कम्प्यूटर, कैमरे सहित अन्य सुविधाएं होंगी। एक बटन दबाते ही कैदी संबंधित न्यायालय से कनेक्ट हो जाएंगे। पेशी में सुनवाई के दौरान जेल एवं कोर्ट रूम में लगी एलईडी टीवी में जज, बंदी एवं एडवोकेट सभी एक दूसरे को देख और सुन सकेंगे। 

पेशी के लिए अब पुलिस बल की जरुरत नहीं पड़ेगी। बंदियों में पेशी के दौरान होने वाले विवाद, झगड़े नहीं होंगे। कर्मचारियों पर वसूली के आरोप भी नहीं लगेंगे। पूर्व में कई शातिर बंदी पेशी के दौरान फरार हो चुके हैं,जिस पर रोक लगेगी। 

ई-कोर्ट आॅनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बंदियों की पेशी की शुरुआत कल नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय जेल जबलपुर में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एसके सेठ करेंगे। जस्टिस सेठ जेल में जाने वाले पहले चीफ जस्टिस होंगे। कल शाम 5 बजे आयोजित उद्घाटन समारोह में जस्टिस झा, जेल डीजी संजय चौधरी, जेल अधीक्षक गोपाल ताम्रकार सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहेंगे। 

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