हांगकांग में चीन सरकार के खि‍लाफ बड़ी रैली, लाखों लोगों ने सड़कों पर किया प्रदर्शन

 
हांगकांग 

हांगकांग में रविवार को चीन सरकार के खिलाफ एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया. लाखों प्रदर्शनकारी सड़कों पर आ गए और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए. यह विरोध प्रदर्शन लगातार ग्यारह हफ्ते से चल रहा है. प्रशासन ने विक्टोरिया पार्क में रैली करने की इजाजत दी थी.

पुलिस ने हांगकांग सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट तक 3.7 किमी लंबा मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी थी, लेकिन विक्टोरिया पार्क की रैली आखिरकार मार्च में बदल गई और लोग बिखरकर आसपास की सड़कों से सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट सेंटर की ओर बढ़ने लगे. भारी बारिश के बावजूद जनता का उत्साह ठंडा नहीं पड़ा और सड़कों पर हजारों की संख्या में रंगीन छाते नजर आने लगे. प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे- 'कैरी लैम, स्टेप डाउन' (कैरी लैम, कुर्सी छोड़ो). कैरी लैम हांगकांग के चीफ एग्जिक्यूटिव हैं.

गौरतलब है कि गुरुवार को हांगकांग बॉर्डर के पास चीनी सेना ने परेड किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ही इसकी घोषणा की थी. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि हमारी इंटेलिजेंस ने हमें बताया है कि चीन की सरकार हांगकांग की सीमा की ओर सेना बढ़ा रही है. सभी लोग शांत और सुरक्षित रहें. इस खबर के आने के बाद चीनी विरोधी प्रदर्शनकारियों की संख्या और बढ़ गई है.

हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन अपने चरम पर है, डेमोसिस्टो नाम का संगठन इस आंदोलन की अगुवाई कर रहा है. डेमोसिस्टो युवाओं का एक संगठन है, हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन करता है. जोशुआ वांग, एग्निस चो और नाथन लॉ डेमोसिस्टो के नेता हैं.

गौरतलब है कि हांगकांग साल 1997 में चीन को ब्रिटेन से वापस मिला था. वहां नागरिक अधिकारों और आजादी की बहाली के लिए 'वन कंट्री टू सिस्टम्स' नामक एक ढांचे की स्थापना की गई.

 किस बात का है विरोध

हांगकांग में जून में नए प्रत्यर्पण बिल लाए जाने के बाद ही इसके खिलाफ वहां पर जोरदार प्रदर्शन चल रहा है. विरोधि‍यों का कहना है कि इससे हांगकांग की स्वायत्त स्थि‍ति में बदलाव आएगा. हांगकांग पुलिस ने शनिवार और रविवार को होने वाले प्रदर्शन को आम लोगों की सुरक्षा के कारणों की वजह से प्रतिबंधित कर दिया, हालांकि प्रदर्शनकारियों को रविवार को पुलिस हिंसा के खिलाफ सिर्फ एक रैली करने की अनुमति दी गई.

हांगकांग पुलिस ने यह खुलासा किया है कि जून में प्रत्यर्पण बिल के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन में 748 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इससे पहले के हफ्ते में सरकार विरोधी और पुलिस विरोधी प्रदर्शन पर रोक लगाने की प्रशासन की कोशिश नाकाम रही है. कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की गई जो बाद में पुलिस के साथ झड़प में बदल गई. मामला हिंसक हो गया.

क्या हैं मांगें

प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करे. ये पांच मांगें है- 1. नए प्रत्यर्पण विधेयक को वापस लिया जाए. 2. हांगकांग के चीफ एग्जिक्यूटिव कैरी लैम पद छोड़ें. 3. प्रदर्शनों को दंगा मानने वाले डिक्लेरेशन को डिनोटिफाई किया जाए. 4. सच्चा सार्वभौमिक मताधिकार. 5. पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए या गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा किया जाए. 

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