हरे-भरे वृक्ष घर में लाते हैं नोटों की हरियाली

वृक्षों को घर में स्थित बगीचे में लगाने से विभिन्न प्रकार के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं किन्तु वास्तु के नियमों के अनुसार कौन-सा वृक्ष लगाना चाहिए या कौन-सा नहीं इसकी जानकारी होना आवश्यक है। पूर्व, दक्षिण एवं दक्षिण पश्चिम दिशाओं में पेड़ों को नहीं लगाना चाहिए। यजुर्वेद में कहा गया है कि पेड़ों का नक्षत्र के अनुसार पूजन करना लाभदायक रहता है। जैसे गूलर, पीपल, नागचंपा, शमी, बड़ (बरगद) आदि वृक्ष नक्षत्रों के आराध्य वृक्ष हैं और इनकी नियम से उपासना करने से ढेरों लाभ मिलते हैं। हरे-भरे वृक्ष घर में लाते हैं नोटों की हरियाली आइए जानें कैसे- 
 
घर में या आसपास हरियाली होना घर की सुख-समृद्धि व शांति हेतु आवश्यक है। हरियाली से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं।

घर में या आस-पास दूधवाले (अर्क, द्गवेतार्क) कांटेदार वृक्ष नहीं होना चाहिए।

घर के आस-पास के पेड़ों की छाया घर पर नहीं पडऩी चाहिए।

नागकेसर, अशोक, नीम, मौलश्री या शाल के वृक्ष शुभ होते हैं। इसी प्रकार अनार, चमेली, गुलाब, केतकी, केसर, चंदन, महुआ, दालचीनी या नारियल के पौधे शुभ होते हैं।

घर में यदि पीपल या बिल्व वृक्ष स्वयं उग आए हो तो उन्हें काटना शुभ नहीं होता है। पीपल के वृक्ष की पूजा करके व प्रार्थना करके घर से जड़ सहित निकाल कर मंदिर में स्थापित कर देना चाहिए।

बिल्ववृक्ष के पेड़ को भी मंदिर में स्थापित कर देना चाहिए या फिर संभव हो तो उचित पूजा-अर्चना व देखभाल करते रहना चाहिए।

दूध देने वाले पौधे घर के बाहर हो सकते हैं। यदि आंकड़े का वृक्ष स्वयं ऊग आता है तो उसकी पूजा करने से लाभ होता है।

वटसावित्री के दिन बरगद के वृक्ष की पूजा की जाती है।

कार्तिक मास के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है। आंवला के वृक्ष में भगवान विष्णु का निवास स्थान माना गया है।

तुलसी जी के पौधे की पूजा प्रतिदिन करनी चाहिए।

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