हरियाली महोत्सव योजना में जनपद पंचायत अधिकारियों पर गबन का आरोप

सीधी
मध्यप्रदेश सरकार के खजाने से भले ही ग्राम पंचायतों के विकास के नाम लाखों रुपये खर्च किया जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत में योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन न होने की वजह से यह रुपया भ्रष्टाचार में तब्दील हो जाता है. सीधी जिले के सिहाबल जनपद पंचायत में हरियाली महोत्सव के नाम पर जम कर हेरा फेरी हुई है.

सीधी जिले के सिहाबल जनपद पंचायत से सांसद रीती पाठक और मंत्री कमलेश्वर पटेल भी संबंध रखते हैं. जनपद की सभी ग्राम पंचायतों को हरियाली महोत्सव योजना के तहत गांवों को हरा-भरा बनाने के लिए लाखों रुपये विभिन्न किस्मों के पौधों की खरीब और पंचायत की खाली जमीन में रोपाई के लिए आवंटित किए गए थे. ग्रामीणों का कहना है कि आज ना तो गांव हरा-भरा दिखाई दे रहा है और ना ही हरियाली योजना के तहत लगाए गए पौधे दिखाई दे रहे हैं. लोगों का कहना है कि जो पौधे लगाए गए थे उनकी देखरेख नहीं होने से वे सूख गए.

सरकारी आंकड़ों की अगर माने तो सिहाबल क्षेत्र में हरियाली महोत्सव योजना में लगभग 40 लाख से अधिक रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी योजना सिहाबल क्षेत्र पंचायत कर्मियों की उदासीनता के चलते दम तोड़ रही है. मामले में उपखंड अधिकारी आरके सिन्हा का कहना है कि यह बात सत्य है कि वर्षा ऋतु में हरियाली महोत्सव के पौधे लगवाए गए थे, अगर जमीनी हकीकत पर पौधे दिखाई नहीं दे रहे हैं तो पूरे मामले की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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