हरियाणा में 10 सीटें, तीन बड़े चुनावी मुद्दे- मोदी, जाट और नौकरियां
चंडीगढ़
हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर रविवार को छठे चरण में मतदान होगा। इस चुनावी राज्य में इन दिनों तीन मुद्दे सबसे ज्यादा गरम हैं। ये हैं-मोदी, जाट और नौकरियां। बुधवार को सैनिकों की बहुलता वाले राज्य हरियाणा के फतेहाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सुरक्षा के मुद्दे पर विपक्ष को घेरा और कहा कि देश अपनी सुरक्षा को मजबूत किए बिना कैसे वर्ल्ड पावर बन पाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस या महागठबंधन के नेता देश की रक्षा के मुद्दे पर बात करने से बच रहे हैं।
हरियाणा के बारे में कहा जाता है कि यहां पर 36 बिरादरी शांतिपूर्ण तरीके से एकसाथ रहती हैं लेकिन जाटों के हिंसक प्रदर्शन के बाद यहां स्थिति अब बदल गई है। चुनाव से पहले एक नया शब्द गढ़ा गया है 35+1 (35 अगल-अलग समुदाय+ जाट समुदाय)। हरियाणा की कुल आबादी का 27 फीसदी हिस्सा जाट हैं। जाट राज्य की राजनीति में बेहद प्रभावशाली हैं। हालांकि हाल ही में जाटों और गैर जाटों में हालिया दरार ने सामाजिक ताने-बाने और राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है। इस बार के संसदीय चुनाव हरियाणा के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इससे यह पता चलेगा कि इस साल अक्टूबर में होने वाले हरियाणा चुनाव में कौन जीत सकता है।
सोशल इंजिनियरिंग
हरियाणा की राजनीति में जाट वोटों के लिए परंपरागत तौर पर कांग्रेस और आईएनएलडी के बीच लड़ाई रही है। हालांकि वर्ष 2014 में यह परिदृश्य बदल गया जब बीजेपी ने एक नई सोशल इंजिनियरिंग को बढ़ावा दिया और गैर-जाट पंजाबी वोटों पर अपना ध्यान केंद्रित किया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 10 में से सात सीट जीतकर बीजेपी ने बहुत चालाकी से जाट नेताओं के सामने पंजाबी उम्मीदवारों को टिकट दिया।