हरियाणा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार ने पाल गड़रिया समुदाय को दलित घोषित किया

 
चंडीगढ़

हरियाणा में मिशन 75 प्लस के लक्ष्य के साथ चुनावी मैदान में उतरी मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्‍व वाली बीजेपी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पाल गड़रिया समुदाय को पिछड़ा वर्ग से निकाल कर अनुसूचित जाति में शामिल कर दिया है। यह मांग प्रदेश में लंबे समय से अटकी पड़ी थी और इस समुदाय के हजारों लोग दोहरा मापदंड झेल रहे थे।

इस वर्ग को राहत देते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने बताया कि हरियाणा में पाल गड़रिया समुदाय पिछड़ा वर्ग श्रेणी में शामिल है। पाल गड़रिया समुदाय मूल रूप से सैंसी समुदाय की सब-कास्ट है। हरियाणा में इसे अनुसूचित जाति में शामिल किया गया है जबकि इसकी सब कास्ट पाल गडरिया को पिछड़ा वर्ग में रखा गया था। मूल जाति व उप जाति को अलग-अलग श्रेणियों में शामिल किए जाने से लोग दुविधा में थे।

उधर, हरियाणा सरकार ने आदर्श चुनाव आचार संहिता के लागू होने से ठीक पहले करोड़ों रुपये की करीब एक दर्जन लोकलुभावन घोषणाएं कर हर वर्ग को साधने की कसरत कर डाली है। इस कवायद में शहरियों के साथ-साथ गांवों, कर्मचारियों, किसानों, व्यापारियों समेत अन्य वर्गों को कवर किया गया है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने स्पष्ट किया कि सारी घोषणाएं वित्त विभाग की मंजूरी के बाद लागू की गई हैं।

खट्टर ने स्पष्ट किया कि वायदे और घोषणाएं वहीं की गई हैं जिन्हें पूरा किया जा सकता है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने ये घोषणाएं ठीक उस समय की जब केंद्रीय चुनाव आयोग का दल चंडीगढ़ में विधानसभा चुनाव की तैयारी के सिलसिले में आया हुआ था। उल्लेखनीय है कि आचार संहिता अगले कुछ दिनों में लागू होने की संभावनाएं जाहिर की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने एक मजबूत वोट बैंक माने जाने वाले व्यापारियों के लिए दो योजनाएं शुरू कीं। व्यापारियों के लिए निजी दुर्घटना बीमा योजना तथा व्यापारी क्षतिपूर्ति योजना बुधवार से लागू भी हो गई हैं। इस बारे में उन्होंने बताया कि दुर्घटना में मृत्यु होने या पूरी तरह से विकलांग होने पर व्यापारियों को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी। इसी तरह से व्यापारियों के लिए 5 से 25 लाख रुपये तक के नुकसान की क्षति-पूर्ति बीमा योजना का भी शुरू की गई है।
 

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