हरियाणा चुनाव: सिरसा में बचा हुआ है डेरा सच्चा सौदा का असर

 सिरसा
पिछले दो सालों में बलजीत इंसान के लिए कुछ भी नहीं बदला है। 'पिताजी' के लिए बलजीत की लगन बनी हुई है। बलजीत कहती हैं कि जेल की सलाखें 'उनका' प्रभाव घटा नहीं सकती हैं। आखिरकार, 'पिताजी' ने 20 साल पहले उनके कैंसर को 'ठीक किया था।' सिरसा के बाहरी इलाकों में डेरा सच्चा सौदा में बलजीत जैसी कई और कहानियां सुनने को मिल जाएंगी। जिले में अभी भी कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें इस संप्रदाय के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पर भरोसा है।

राम रहीम को अपनी दो भक्तों के बलात्कार और इस घटना का पर्दाफाश करने वाले स्थानीय पत्रकार की हत्या के मामले में 2017 में गिरफ्तार कर सजा दी गई थी। वैसे तो डेरा सच्चा के भक्त इन आरोपों को खारिज करते आए हैं, लेकिन इनकी संख्या में काफी कमी आई है।

विवाद के बाद भी डेरा के मौजूदा अनुयायी अपनी सभी परेशानियों के समाधान के लिए डेरा की मदद लेते हैं। यहां तक कि यह तय करने के लिए भी वे डेरा की ओर देखते हैं कि चुनाव में किसे वोट देना है। सिरसा में डेरा की एक स्वयंसेवी कमला इंसान कहती हैं, 'हां, बिल्कुल हमें सलाह मिलती है कि किसे वोट देना है। हालांकि, ये वोटिंग वाले दिन से एक या दो दिन पहले होता है। डेरा की ऐडमिनिस्ट्रेटिव विंग रविवार की संगत (डेरा की सार्वजनिक बैठक) में या अपने नेटवर्क के जरिए यह संदेश भक्तों तक पहुंचा देती है।'

डेरा के इस फैसले पर भक्तों को कैसे भरोसा होता है? इस सवाल पर कमला ने हंसते हुए कहा, 'अगर हम मानते हैं कि पिताजी जेल के अंदर से ही हमें ठीक कर सकते हैं, अगर हम अपनी स्वास्थ्य समस्याओं और जीवन के फैसलों को लेकर उन पर भरोसा करते हैं, तो यह तो छोटा सा सवाल है कि किसे वोट करना है।'

डेरा को लुभाने में लगी हैं कई राजनीतिक पार्टियां
भक्तों की घटती संख्या के बावजूद डेरा को कई राजनीतिक पार्टियां लुभाने में लगी हुई हैं। सिरसा में बीजेपी उम्मीदवार प्रदीप रतूसरिया ने कहा, 'मैंने डेरा सच्चा सौदा का समर्थन मांगा है। मुझे उम्मीद है कि वे मुझे समर्थन देंगे, जैसे उन्होंने लोकसभा चुनावों में बीजेपी को दिया था।'

दलित समाज के लोगों को अभी भी डेरा पर भरोसा
सिरसा में डेरा पर राजनीतिक उम्मीदवारों की नजर रहती है। रतूसरिया का कहना है, 'लोगों को भरोसा है, खासकर दलित समाज के लोगों को अभी भी डेरा पर भरोसा है। अगर आप संगतों को देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि राज्यभर में इनका काफी प्रभाव है।'

'सिरसा में डेरा के प्रभाव को नजरंदाज नहीं किया जा सकता'
सिरसा के पंजाबी समाज के अध्यक्ष भूपेश मेहता ने कहा, 'सिरसा में डेरा के प्रभाव को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। विवाद के बाद संख्या जरूर घटी है, लेकिन लोगों पर अभी भी इसका असर बना हुआ है। सिरसा विधानसभा क्षेत्र में अग्रवाल समुदाय और पंजाबियों की काफी संख्या है, लेकिन दलित समुदाय की बड़ी आबादी है, जो डेरा सच्चा सौदा के उत्साही समर्थक माने जाते हैं।'

बीजेपी को समर्थन देने का फैसला
डेरा सच्चा सौदा की राजनीतिक कमेटी ब्लॉक कमेटियों के सर्वे के बाद फैसला लेती है। डेरा में कुछ सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनावों की तरह विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया है।
 

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