हत्यारोपी को 8 साल से ढूंढ रही थी पुलिस, पकड़े जाने से पहले ही दम तोड़ा

 
नई दिल्ली 

मर्डर के मामले का आरोपी आठ साल से फरार था। क्राइम ब्रांच उसकी तलाश में जुटी रही, लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ा। दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर दो लाख का इनाम रख दिया। आठ साल बाद 25 जून को क्राइम ब्रांच को एक कॉल के जरिए उसके गुरुग्राम में होने की खबर मिली। क्राइम ब्रांच की टीम जब तक आरोपी के पास पहुंचती, उससे पहले उसकी मौत हो चुकी थी। 

जानकारी के मुताबिक, 11 फरवरी 2011 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक संदिग्ध बैग मिला। उसमें एक लड़की की लाश मिली, जिसके हाथ-पैर बंधे थे। मृतक लड़की की कमर पर मोर के पंख का टैटू बना हुआ था। करीब 15 दिन बाद बॉडी की पहचान उत्तम नगर की रहने वाली 29 साल की नीतू सोलंकी के तौर पर हुई। परिवारवालों ने बताया कि नीतू 2010 में ही घर से चली गई थी और राजू गहलोत के साथ रहती थी। दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ कर चुकी नीतू कॉल सेंटर में काम कर चुकी थी और निगम पार्षद का चुनाव भी लड़ चुकी थी। 

क्राइम ब्रांच की टीमें छह महीने तक उसकी तलाश में छापेमारी करती रहीं, लेकिन उसका कोई सुराग हाथ नहीं लगा। आखिरकार 8 साल बाद 25 जून को राजू ने अपनी मां को कॉल कर बताया कि वह गुड़गांव के अस्पताल में भर्ती है और शायद अब नहीं बचेगा। इन्स्पेक्टर रीतेश कुमार की टीम उसे गिरफ्तार करने पहुंची तो उसकी मौत हो चुकी थी। जांच में पता चला कि कई शहरों की खाक छानने के बाद वह गुरुग्राम में रोहन दहिया नाम से रह रहा था। फर्जी दस्तावेज के जरिए एक कंपनी में जॉब हासिल कर ली थी। क्राइम ब्रांच के अफसरों का दावा है कि आठ साल के दौरान उसने अपने घर कोई कॉल ही नहीं की थी। 
 

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