स्वामी का पाक को आईना, ‘जनसंहार से भी बड़ा…’

इस्लामाबाद
पूरी दुनिया जहां कोरोना वायरस से निपटने के लिए नए नए तरीकों को खोज रही है, वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। शुक्रवार को इमरान खान ने सुब्रमण्यन स्वामी का एक वीडियो ट्वीट कर आरोप लगाया कि आरएएस ने खुले तौर पर बीजेपी नेतृत्व को मुसलमानों के खिलाफ बोलने के लिए प्रेरित किया है।

इमरान के वार का स्वामी ने दिया जवाब
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि आरएसएस ने बीजेपी नेतृत्व को 21वीं सदी में खुले तौर पर 200 मिलियन मुसलमानों के खिलाफ बोलने के लिए प्रेरित किया है। ऐसा नाजियों ने यहूदियों के लिए किया था।

इमरान के इस ट्वीट पर स्वामी ने जवाब देते हुए लिखा कि जाहिर तौर पर उनके पास (इमरान खान के) पाक सेना और आईएसआई द्वारा पीएम (प्रधानमंत्री) के रूप में कोई काम नहीं सौंपा गया है। पाकिस्तान में आज हिंदुओं और सिखों को भोजन से वंचित करना जनसंहार से भी एक कदम आगे का कृत्य है।

पाकिस्तानी हिंदुओं को राशन नहीं
बता दें कि हाल में ही खबर आई थी कि कोरोना वायरस से पाकिस्तान के सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांत सिंध में गरीब हिंदुओं और सिखों को स्थानीय प्रशासन ने लॉकडाउन के दौरान राशन देने से मना कर दिया था। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा था कि यह राशन केवल मुसलमानों के लिए है।

इमरान ने कश्मीर पर उगला जहर
इमरान ने गुरुवार को भी एक के बाद एक कुल 3 ट्वीट करके भारत के खिलाफ जहर उगला था। इमरान ने लिखा था कि सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों को दरकिनार कर जम्मू-कश्मीर के डिमॉग्रफी को अवैध तरीके से बदलने की नस्लभेदी हिंदुत्व श्रेष्ठता वाली मोदी सरकार की निरंतर की जा रही कोशिशों की हम कड़ी निंदा करते हैं। नया जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन आदेश 2020 चौथे जिनेवा कन्वेंशन का सीधा-सीधा उल्लंघन है।

​इमरान ने आदेश की टाइमिंग पर उठाया था सवाल
एक अन्य ट्वीट में इमरान ने आरोप लगाया था कि अभी दुनिया का ध्यान कोरोना वायरस महामारी पर है और भारत इसी बात का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कश्मीर राग छेड़ते हुए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की थी कि उन्हें भारत को 'यूएनएससी प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन' करने से रोकना चाहिए। एक अन्य ट्वीट में इमरान ने लिखा था कि पाकिस्तान 'भारत प्रायोजित आतंकवाद' और कश्मीरियों को 'स्वनिर्णय के अधिकार से वंचित' किए जाने का 'पर्दाफाश' करना जारी रखेगा।

 

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