स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राजभवन में कवि सम्मेलन का आयोजन

भोपाल
राज्यपाल लाल जी टंडन ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राजभवन में कवि सम्मेलन का आयोजन कराया है। कवि सम्मेलन का आयोजन भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में किया गया है। राजभवन में काव्य पाठ शाम 6 बजे से प्रारम्भ होगा। कवि सम्मेलन में कुमार विश्वास, वसीम बरेलवी, अतुल कनक, वेद प्रकाश, अंकिता सिंह और रमेश कुमार रचना पाठ करेंगे। उल्लेखनीय है कि 13 अगस्त से 16 अगस्त तक सांय 5 बजे से रात दस बजे तक राजभवन आमजन के अवलोकन के लिये खुला रहेगा। केवल 15 अगस्त को सांय 8 बजे से10 बजे तक भ्रमण की सुविधा रहेगी।

 विश्व भर में हिंदी कविता का प्रतिनिधित्व डॉ कुमार विश्वास करते हैं। कवि-सम्मेलन मुशायरों के अलावा संवाद के सबसे मानक मंचों पर बुलाए जाते हैं। गूगल हेडक्वार्टर और स्टैनफोर्ड से ले कर विश्व के तमाम बड़े विश्वविद्यालयों में हिंदी और भारतीयता के विषयों पर संवाद करते हैं। फ़िल्मों में भी गीत लिखे हैं। टीवी के तमाम बड़े कार्यक्रमों जैसे कपिल शर्मा शो, इंडियन आइडल, सारेगामापा में हिंदी का प्रतिनिधित्व किया है। टेलीविज़न चैनलों पर 'महाकवि', 'केवी सम्मेलन', 'वंश' इत्यादि प्रस्तुत किए हैं। युवाओं के बीच हिंदी कविता को दोबारा जीवित करने का श्रेय इनको जाता है।श्री विश्वास गाजियाबाद के निवासी हैं।

डॉ वसीम बरेलवी बरेली से आते हैं। विश्व भर में उर्दू शायरी का बड़ा नाम है। सम्मेलन में अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे। बरेलवी पूरी दुनिया के हिंदी-उर्दू मंचों पर बुलाए जाते हैं। चिंतन, सामाजिक सरोकार और धार्मिक सौहार्द की ग़ज़लें और गीत लिखते हैं। उत्तरप्रदेश के यश भारती सम्मान से सम्मानित हैं। आप बरेली उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं।

अतुल कनक मूलत: राजस्थानी भाषा के रचनाकार हैं। हिंदी के भी ख्याति प्राप्त कवि हैं एवं हिन्दी की विभिन्न पत्रिकाओं में इनकी रचनाएं छपती हैं। हिंदी के अलावा हाड़ौती और मारवाड़ी भाषाओं में भी काम किया है। उपन्यास जूण-जातरा के लिये साहित्य अकादमी से सम्मानित हैं। ज्योतिष विद्या के बड़े जानकार हैं। आप कोटा राजस्थान से आते हैं।

अंकिता सिंह कम्प्यूटर इंजीनियर हैं। सम-सामयिक  विषयों पर गीत एवं ग़ज़ल लिखती हैं। मंचों पर कम समय में ही दुबई, अमेरिका इत्यादि में हिंदी कविता का प्रतिनिधित्व किया है। आप गुरूग्राम हरियाणा से आती हैं।

रमेश मुस्कान हास्य कवि हैं। दो दशकों से ज़्यादा समय से अपनी पैरोडी और हास्य कविताओं के लिए जाने जाते हैं। हास्य कविता को आपने तुक्तक नाम की नई विधा दी है। भारत के अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, सिंगापुर, दुबई, ओमान जैसे देशों में काव्य-पाठ किया है। आप आगरा उत्तर प्रदेश निवासी हैं।

वेद प्रकाश पैंतीस वर्षों से ज़्यादा समय से कवि-सम्मेलन मंचों पर हास्य-व्यंग्य का बड़ा नाम है। हास्य और व्यंग्य के लिए विश्व भर में जाने जाते हैं। दुनिया भर में जहाँ-जहाँ हिंदी बोली और समझी जाती है, वहाँ आपके श्रोता मौजूद हैं। टेलीविज़न पर कविता के तमाम कार्यक्रमों में नियमित रूप से आते हैं। आप दिल्ली निवासी हैं।

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