सैन्य आधुनिकीकरण पर होगा केंद्र का विशेष फोकस, 20-25 फीसदी तक की बढ़ोतरी की दरकार
नई दिल्ली
एनडीए-2 के पहले बजट में रक्षा मंत्रालय को अच्छे बजट की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्रालय की तरफ से तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण के बजट में 20-25 फीसदी की बढ़ोतरी की मांग की गई है। रक्षा विशेषज्ञ भी कहते हैं कि सरकार को रक्षा क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता में रखना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी नौबत नहीं आए कि एफ-16 के मुकाबले के लिए पुराने मिग उड़ाने पड़ें।
फरवरी में पेश अंतरिम बजट में 3.18 लाख करोड़ के रक्षा बजट का प्रावधान किया गया था। इसके अलावा 1.12 लाख करोड़ रुपये पेंशन के लिए दिए गए। लेकिन आधुनिकीकरण के बजट में महज सात फीसदी बढ़ोतरी हुई थी। तब विशेषज्ञों ने कहा था कि यह बढ़ोतरी नहीं है, इतना प्रभाव तो महंगाई बढ़ने का ही आ जाता है।
अंतरिम बजट के बाद ही वायुसेना ने बालाकोट को अंजाम दिया। बाद में पाक के एफ-16 विमानों के पीछे मिग उड़ाए गए। रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जरनल राजेन्द्र सिंह कहते हैं कि सरकार को रक्षा क्षेत्र की जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए। हमारे पड़ोसी देश हमसे कहीं ज्यादा आधुनिक हो चुके हैं। इसलिए आधुनिकीकरण की सभी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बजट दिया जाए।
बजट को लेकर सरकार के सामने तीन तरह की चुनौतियां
सूत्रों के अनुसार, रक्षा बजट को लेकर तीन किस्म की चुनौतियां सरकार के समक्ष हैं। आधुनिकीकरण का बजट जरूरत के हिसाब से नहीं बढ़ रहा है। इसमें कम से कम 25 फीसदी की बढ़ोतरी सुनिश्चित की जाए। सूत्रों का कहना है कि कम बजट के चलते कई अहम परियोजनाओं में विलंब हो सकता है। मसलन, एचएएल और अन्य रक्षा उपक्रमों को एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रोजेक्ट दिए गए हैं, लेकिन अग्रिम भुगतान न होने से कई कामों में तेजी नहीं आ रही है। एचएएल अपने भुगतान को लेकर पूर्व में चिंता भी जता चुका है।
दूसरे, विदेशों से भी बड़े पैमाने पर रक्षा खरीद के सौदे हुए हैं। उनका भी चरणबद्ध तरीके से भुगतान होना है जो आधुनिकीकरण के बजट से होता है। राफेल सौदे की एक 13 हजार करोड़ रुपये की किस्त भी इस साल देनी है।
तीसरी चुनौती पेंशन के बजट में बढ़ोतरी की है जो इस बार करीब सवाल लाख करोड़ पार कर जाएगा। सरकार की मुश्किल यह है कि चाहे कुछ भी हो जाए इस मद में कटौती नहीं की जा सकती।
पेंशन पर खर्च
24 लाख से भी अधिक पूर्व सैनिकों के पेंशन पर सबसे ज्यादा राशि खर्च।
103095 करोड़ खर्च हो रहे थे वेतन-भत्तों पर पिछले साल के आंकड़े के मुताबिक।
108853 करोड़ खर्च हुए पूर्व सैनिकों की पेंशन पर।
परियोजनाओं के लिए बजट की दरकार
चीन सीमा पर तैनाती के लिए माउंटेन कॉर्प।
144 लड़ाकू विमानों की खरीद।
सेना के लिए अत्याधुनिक हथियारों की खरीद।
200 तेजस विमानों का उत्पादन।
रक्षा बजट पर एक नजर
2016-17 में 274114 करोड़
2018-19 में 295571 करोड़
2019-20 (अंतरिम) में 318931 करोड़
आधुनिकीकरण का बजट
साल बजट अनुमान संशोधित अनुमान खर्च
2016-17 69898 62619 69280
2017-18 69473 68965 72732
2018-19 74115 73882 75900
2019-20 (अं) 81008 19560