सेना को खुली छूट चीन से निपटने, इस हफ्ते दोनों देशों में फिर होगी बात

नई दिल्ली 
भारत और चीन के बीच पिछले करीब एक महीने से जारी तनाव को कम करने की कोशिशें लगातार हो रही हैं. गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए, जिसके बाद देश में गुस्सा है. इसी गुस्से को भांपते हुए अब सरकार की ओर से सेना को खुली छूट दी गई है, अगर चीनी सैनिक उकसाएं तो उन्हें माकूल जवाब दिया जाए. ऐसे में प्रोटोकॉल ना देखा जाए, दूसरी ओर भारत ने शांति की कोशिशों को बरकरार रखा है.

मौजूदा विवाद को लेकर रविवार को भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों से चर्चा की थी. सूत्रों की मानें, तो सरकार की ओर से सेना को साफ कर दिया गया है कि वह कोई भी एक्शन ले सकते हैं. सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर सैनिकों की जान खतरे में पड़ती है और चीनी सैनिक खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल करते हैं तो सेल्फ डिफेंस करते वक्त किसी प्रोटोकॉल की ना सोचें. बता दें कि दोनों देशों के बीच समझौता है कि बॉर्डर पर कोई गोली नहीं चलाएगा, हालांकि बिना गोली चलाए जिस तरह चीन ने धारधार हथियारों का इस्तेमाल किया वह भी इस समझौते का उल्लंघन ही था. यानी अगर अब चीनी सैनिकों ने कुछ हिमाकत क तो जवाब देते वक्त किसी प्रोटोकॉल के बारे में नहीं सोचा जाएगा.

खुला है बातचीत का रास्ता
एक तरफ सेना को खुली छूट दी गई है, तो दूसरी ओर बातचीत के रास्ते को पूरी तरह से खुला रखा गया है. सूत्रों की मानें, तो इस हफ्ते दोनों देशों के बीच एक बार फिर सैन्य और डिप्लोमेटिक लेवल की बातचीत हो सकती है.इस बातचीत में मौजूदा तनाव को दूर करने, सैनिकों को पीछे करने और अप्रैल से पहले की स्थिति को लागू करने पर चर्चा हो सकती है. बता दें कि इससे पहले भी कई दौर की चर्चा हो चुकी है, लेकिन दोनों देशों के बीच बात नहीं बनी है. हर बातचीत में भारत की ओर से साफ किया गया है कि चीनी सैनिक पूरी तरह से पीछे हटें और अप्रैल से पूर्व की स्थिति को लागू करें. लेकिन चीनी सैनिक इस बात को मानने को ही तैयार नहीं हैं.

भारत-चीन विवाद के बीच देश में राजनीतिक माहौल भी गर्माया हुआ है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी नेताओं का लगातार मोदी सरकार पर हमला करना जारी है. विपक्ष सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कह रहा है, साथ ही चीन ने जिस तरह गलवान घाटी को अपना बताया है उसपर करारा जवाब देने की अपील कर रहा है. हालांकि, विदेश मंत्रालय ने चीन के ऐसे किसी भी प्रकार के दावे को नकार दिया है.
 

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