सृजन घोटाला मामले में 60 से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज!

भागलपुर 
भागलपुर जिले के जिस अफसरों और कर्मियों के कार्यकाल में सरकारी राशि की अवैध तरीके से निकासी हुई है, उन अफसरों द्वारा जारी चेक की जांच की जाएगी। जांच में भूमिका संदग्धि पाये जाने पर आरोप पत्र गठित होगा। ऐसे अफसरों व कर्मियों की संख्या 60 से अधिक है। डीएम ने एक सप्ताह में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। बैठक में नहीं आने वाले चार अफसरों का एक दिन का वेतन स्थगित किया गया।  

डीएम प्रणव कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को सृजन से संबंधित वित्तीय अनियमितता में शामिल कर्मियों और पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की समीक्षा हुई। सामान्य प्रशासन द्वारा कई बार रिमाइंडर देने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने पर डीएम ने नाराजगी जतायी। डीएम ने कहा कि एजी की ऑडिट रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि किन अफसरों के कार्यकाल में कितनी सरकारी राशि की अवैध तरीके से निकासी हुई है। संबंधित विभाग के अधिकारी उनके कार्यकाल में जारी चेक की जांच करेंगे। अवैध निकासी के कार्यकाल में कार्यालय में पदस्थापित नाजिर और अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच करने का निर्देश दिया गया है। डीएम ने जारी चेक का विस्तार से जांच करने को कहा है।

डीएम ने बताया कि घोटाले से जुड़े सभी विभाग के अधिकारियों को राशि की वसूली के लिए मनी सूट दाखिल करने का नर्दिेश दिया गया है। कई विभागों द्वारा मनी सूट के लिए पूर्व में आवंटन की मांग की गयी है। बचे विभागों को तत्काल आवंटन की मांग करने का नर्दिेश दिया गया। आवंटन नहीं आने पर रिमाइंडर भेजने को कहा गया है। इसके अलावा सभी विभागों को नीलाम पत्र भी दायर करने का नर्दिेश दिया गया है। डीएम ने बताया कि मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है। पूर्व एडीएम, पूर्व कल्याण पदाधिकारी सहित कई कर्मचारियों के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति दी जा चुकी है। उनके विरुद्ध चार्जशीट भी दाखिल किया जा चुकी है। विभाग के स्तर से भी ऐसे अफसरों और कर्मियों की पहचान करने की प्रक्रिया चल रही है। बैठक में नहीं आने पर दी भागलपुर सेन्ट्रल कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक के अलावा कहलगांव, सबौर और बिहपुर बीडीओ को शोकॉज करते हुए एक दिन का वेतन स्थगित करने का निर्देश दिया गया है।

इन बिंदुओं पर होगी जांच
जांच के दौरान देखा जाएगा कि चेक के माध्यम से राशि सीधे सृजन के खाते में भेजी गयी है या बैंक के खाते में। अगर राशि सृजन के खाते में ट्रांसफर की गयी है तो वैसे अफसरों पर आरोप पत्र गठित किया जाएगा। चेक जारी करने की नीयत की भी जांच होगी। चेक के पीछे अगर सृजन का नाम या खाता नम्बर दर्ज किया गया है, तब भी अफसर दोषी होंगे। चेक देने के वक्त रजस्टिर में इंट्री की गई या नहीं। रजस्टिर से मिलान किया जाएगा।
 

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