सुशांत सिंह राजपूत थे डिप्रेशन के शिकार 

 नई दिल्ली 
बॉलीवुड के 'छिछोरे' सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर से पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री सन्न रह गई है। किसी ने कभी यह सोचा नहीं था कि इतनी कम उम्र में धोनी, केदारनाथ, छिछोरे जैसी फिल्में देने वाले जिंदादिल सुशांत कभी पंखे से लटककर सुसाइड भी कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत पिछले कई महीनों से डिप्रेशन का इलाज करवा रहे थे।

पुलिस को उनके घर से कई ऐसे कागजात और दवाईयां मिली हैं, जिनसे यह पता चलता है कि उनका डिप्रेशन का इलाज चल रहा था। ऐसा नहीं है सुशांत सिंह राजपूत पहले युवा कलाकार हैं जिन्होंने अवसाद में रहते हुए अपने लिए आत्महत्या का रास्ता चुना है।

इससे पहले भी बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के कई कलाकार जैसे कुशल पंजाबी, जिया खान,दिव्या भारती,गुरुदत्त,सिल्क स्मिता और परवीन बाबी जैसे कलाकार आत्महत्या का रास्ता चुनकर अपने फैंस को रुला चुके हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर कोई व्यक्ति डिप्रेशन में आत्महत्या क्यों कर लेता है। आइए जानते हैं आखिर क्या है डिप्रेशन की वजह, लक्षण और इसका इलाज।   

डिप्रेशन की वजह-
सबसे पहले तो ये जान लें कि यह जरूरी नहीं है कि डिप्रेशन या अवसाद के लिए व्यक्ति के साथ कोई बड़ा हादसा या टेंशन जिम्मेदार हो। रोजमर्रा में मिलनेवाला स्ट्रेस भी व्यक्ति को तनाव और डिप्रेशन की तरफ धकेल सकता है। 

डिप्रेशन के कारण-
-व्‍यक्ति के बेहद करीबी का दूर हो जाना।
-परिवार से दूर अकेले रहना।
-भविष्‍य को लेकर होने वाली चिंता।
-असुरक्षा की भावना का पैदा होना।
-पैसे से जुड़ी समस्‍या के साथ कोई पारिवारिक समस्‍या।

डिप्रेशन के लक्षण-
-अवसाद के दौरान व्यक्ति का स्वभाव पल-पल बदलता रहता है। जिसे आप मूड स्विंग्स भी कह सकते हैं। 
-डिप्रेशन की वजह से व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, पलायनवादी रवैया, व्यवहार में आने वाला अजीब बदलाव मादक द्रव्यों के सेवन, या बहुत तेज गुस्सा करने जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
-आत्महत्या करके मरने वाले लोगों में इसके लक्षण पहले ही नजर आ जाते हैं। ऐसे लोग या तो इस बारे में बातें करते हैं या आत्महत्या से पहले भी अपने जीवन को खत्म करने की कोशिश करते हैं।
-व्‍यक्ति दूसरों से मिलना-जुलना छोड़ देता है।
-व्‍यक्ति अकेला रहना और कम बोलना पसंद करता है।
-इसके अलावा उन्हें हमेशा खतरे की आशंका बने रहने के साथ घबराहट या भय भी बना रहता है।
-दिल की धड़कन तेज रहना।  
-तेजी से सांस लेना और  लगातार पसीना आना भी अवसाद के लक्षणों में से है।

डिप्रेशन का उपचार-
-डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को कभी भी अकेले न छोड़ें। ऐसे व्यक्ति को अकेला छोड़ना घातक हो सकता है। 
-डिप्रेशन के बारे में पता लगते ही रोगी व्यक्ति के इलाज के लिए अपने चिकित्‍सक से संपर्क करें। 
-डिप्रेशन ठीक करने के लिए सबसे जरूरी चीज है घर का खुशनुमा माहौल इसलिए अपने घर में खुशनुमा माहौल बनाए रखें। 

डिप्रेशन से बचने के लिए डाइट में करें ये बदलाव-
-डिप्रेशन के रोगी को भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। उसे ऐसे फलों का सेवन अधिक करना चाहिए जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो।
-डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों और मौसमी फलों को शामिल करें। 
-चुकन्दर का सेवन डिप्रेशन के मरीजों को जरूर करना चाहिए। चकुन्दर में काफी मात्रा में ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमिटर्स की तरह काम करते हैं और अवसाद रोगी में मूड को बदलने का काम करते हैं।
-डिप्रेशन के मरीज भोजन और सलाद में टमाटर का सेवन अवश्य करें। टमाटर में मौजूद लाइकोपीन नाम का एंटी-ऑक्सिडेंट पाया जाता है जो अवसाद से लड़ने में मदद करता है। एक शोध के अनुसार जो लोग सप्ताह में 4-6 बार टमाटर खाते हैं वे सामान्य की तुलना में कम अवसाद ग्रस्त होते हैं।

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