सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने पेश की रिपोर्ट, एनबीसीसी को दी जा सकती है यूनिटेक के प्रॉजेक्ट की जिम्मेदारी

 
नई दिल्ली 

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि एनबीसीसी को यूनिटेक प्रॉजेक्ट पूरा करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने एनबीसीसी के प्रस्ताव संबंधी रिपोर्ट पेश की। साथ ही कहा कि हाई कोर्ट के रिटायर जस्टिस की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय कमिटी का गठन होना चाहिए जो कंस्ट्रक्शन को मॉनिटर करें ताकि समय पर लोगों को फ्लैट मिल सके। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में एनबीसीसी के प्रपोजल पर लोगों से सुझाव मांगे हैं और अगली सुनवाई के लिए 9 अगस्त की तारीख तय कर दी। 

बायर्स के वकील एम. एल. लाहोटी ने बताया कि मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल पेश हुए और उन्होंने एनबीसीसी की डिटेल प्रपोजल पेश की। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि एनबीसीसी प्रॉजेक्ट को हाथ में लेने को तैयार है और इसके लिए प्रपोजल पेश किया जा रहा है।

 
अटॉर्नी जनरल की ओर से एनबीसीसी के प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद फ्लैट खरीदने वालों के वकील एम. एल. लाहोटी ने कहा कि एनबीसीसी को पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने 42 हजार फ्लैट तैयार करने की जिम्मेदारी दी हुई है। मौजूदा मामले में यूनिटेक के 22 हजार फ्लैट हैं, जो तैयार करने हैं। उन्हें जेपी का प्रॉजेक्ट भी पूरा करना है। ऐसे में ये देखना होगा कि फ्लैट कैसे तैयार होंगे। 

एनबीसीसी को गंभीरता दिखानी होगी। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि केंद्र सरकार इस मामले में दखल दे और ऐसे में एनबीसीसी प्रॉजेक्ट अपने हाथ में ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि ये सुझाव दिया गया है कि एक रिटायर जज प्रॉजेक्ट के कंस्ट्रक्शन को मॉनिटर करेंगे। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनबीसीसी का प्रस्ताव पेश किया गया है। कोर्ट सलाहकार को निर्देश दिया जाता है कि वह होम बायर्स से इस मामले में सुझाव लें। होम बायर्स इस प्रस्ताव पर अपने सुझाव 2 अगस्त तक कोर्ट सलाहाकर के सामने पेश करें और अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी। 
 

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