सुनवाई आज, मोदी-शाह के भाषणों पर EC ने नहीं लिया एक्शन तो SC पहुंचीं सुष्मिता देव

नई दिल्ली 
कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की कथित हेट स्पीच का आकलन करने में चुनाव आयोग नाकाम रहा. उन्होंने कहा कि ऐसे भाषणों के कारण धार्मिक आधार पर नफरत की भावना फैल रही है. इस मामले पर बुधवार को सुनवाई होगी. सुष्मिता ने मोदी और शाह के खिलाफ आचार संहिता की शिकायतों पर निर्वाचन आयोग के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया.

उन्होंने यह भी कहा कि मना किए जाने के बावजूद भाषणों में सशस्त्र बलों का इस्तेमाल किया गया. लेकिन फिर भी चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने एक रैली के दौरान टिप्पणी करते हुए उन्हें भ्रष्टाचारी नंबर 1 बताया था. इस पर कांग्रेस ने उनके खिलाफ सोमवार को चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्हें मंगलवार को क्लीन चिट मिल गई.

असम की सिलचर से लोकसभा सांसद और भारतीय महिला कांग्रेस की चीफ देव ने कहा कि जिस तरह निर्वाचन आयोग ने गूढ़ तरीके से आदेश दिया, वह साफ तौर पर कोर्ट द्वारा तय कानून का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि पीएम के आचार संहिता उल्लंघन मामले में एक चुनाव आयुक्त ने असहमति जताई थी, लेकिन आदेश के साथ यह नहीं बताया गया.

देव के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील में कहा कि मोदी और अमित आह के खिलाफ आचार संहिता की शिकायतों को खारिज करने का तर्क बेहद अजीब है. उन्होंने कहा कि आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत का निपटारा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को दिशा-निर्देश तय करना चाहिए क्योंकि देरी से सभी पार्टियों को समान अवसर नहीं मिल पाएंगे.

इससे पहले देव ने चुनाव आयोग में भी एक हलफनामा दाखिल किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह का बयान भी योगी आदित्यनाथ और मायावती जैसा है. दोनों नेताओं के खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की गई. जबकि मोदी और शाह को क्लीन चिट मिल गई. उन्होंने कहा कि पीपुल्स एक्ट 1951 का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग को मोदी शाह के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए.

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