सीलिंग के दौरान जवानों पर पथराव, केजरीवाल ने कहा- स्थानीय लोगों को पीटा गया

नई दिल्ली 
दिल्ली के मायापुरी इलाके में शनिवार को सीलिंग के दौरान कई अधिकारी घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने सीलिंग टीम और सुरक्षाबलों पर पथराव किया था। लेकिन अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस ने इलाके में स्थानीय लोगों को पीटा और पुलिस की कार्रवाई को 'बेहद शर्मनाक' करार दिया। 

जनरल डायर से तुलना 
आम आदमी पार्टी ने इस घटना को 'भयावह' करार दिया और इसकी तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से करते हुए केंद्र पर हमला बोला।। बता दें कि 13 अप्रैल 1919 के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में बैशाखी पर्व के दौरान ब्रिटिश आर्मी ने जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसा दीं थी। इस गोलीबारी में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। आप ने शनिवार को ट्वीट कर इस घटना का विडियो पोस्ट कर कहा, 'भयावह!!! जनरल डायर मोदी की पुलिस दिल्ली के मायापुरी में नागरिकों पर निर्मम तरीके से पथराव कर रही है।' आप विधायक जरनैल सिह और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस घटना के बारे में ट्वीट किया और उच्च अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। 

पुलिस का पक्ष 
हालांकि, पुलिस का कहना है कि इस घटना के दौरान एसडीएम, 1 एसीपी, 3 डीपीसीसी कर्मचारी और 9 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'दिल्ली कैंट के एसडीएम ने एसडीएमसी और डीपीसीसी स्टाफ के साथ मायापुरी के कबाड़ मार्केट में आज सीलिंग की कार्रवाई शुरू की थी। यह सीलिंग एनजीटी के आदेश के तहत की जा रही थी। कुछ कबाड़ डीलर्स ने सीलिंग के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया और इसके बाद उन्होंने पथराव करते हुए हिंसक रूप ले लिया।' उन्होंने आगे बताया कि स्थिति को काबू करने के लिए सुरक्षाबलों को भी कार्रवाई करनी पड़ी लेकिन किसी भी स्थानीय नागरिक पर पथराव नहीं हुआ। इस टीम में एसडीएमसी और दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी (डीपीसीसी), पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवान शामिल थे। 

केजरीवाल का केंद्र पर वार 
केजरीवाल ने भी ट्विटर पर एक विडियो पोस्ट किया जिसमें कथित तौर पर पुलिस अधिकारियों को लोगों पर पत्थर फेंकते और उन्हें पीटते हुए दिखाया गया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'यह बेहद शर्मनाक है कि केंद्र द्वारा नागरिकों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। व्यापारी वर्ग ने हमेशा पैसों और वोटों के साथ बीजेपी का समर्थन किया है।' केजरीवाल ने आगे लिखा, 'लेकिन बदले में, केंद्र के नेतृत्व में पुलिस ने व्यापारियों को बुरी तरह पीटा और स्पष्ट संदेश दिया कि वह आने वाले चुनावों में व्यापारी समाज का समर्थन नहीं चाहते हैं।' 

केंद्र का जवाब 
केजरीवाल द्वारा केंद्र पर लगाए गए आरोपों पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि एनजीटी ने 2015 में प्रदूषण के चलते दिल्ली सरकार को कबाड़ मार्केट दूसरी जगह शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। केजरीवाल सरकार को इस आदेश का पालन करना था। पिछले 4 सालों में केजरीवाल सरकार को एनजीटी ने कई बार इस बारे में याद दिलाया। केंद्र सरकार का इससे कोई लेनादेना नहीं है। 

पुलिस का कहना है कि इस घटना के संबंध में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। बता दें कि नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने माायापुरी में गैरकानूनी कबाड़ के धंधे से बढ़ते प्रदूषण के लिए कोई कार्रवाई न करने पर दिल्ली सरकार को लताड़ लगाई थी। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श गोयल ने मुख्य सचिव और दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी के चेयरमैन व मेंबर सेक्रेटरी को निर्देश दिया था कि गैरकानूनी गतिविधियों और इनके चलते लोगों को हो रही परेशानी को न रोक पाने के चलते उन्हें जेल क्यों न भेजा जाए। ग्रीन पैनल ने अधिकारियों को 3 मई को एक अनुपालन रिपोर्ट के साथ पेश होने के आदेश भी दिए थे। 

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