सीएम योगी आदित्यनाथ की सलाह नेपाल को चुभी  

 नई दिल्ली 
चीन की शह पर भारतीय क्षेत्रों को अपने नक्शे में दिखाने वाले नेपाल को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सलाह चुभ गई। नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने योगी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि है उन्हें सलाह दी जाए कि धमकाने वाले बयान ना दिए जाएं। असल में योगी आदित्यनाथ ने नेपाल को याद दिलाया था कि किस तरह चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया, इसलिए तिब्बत वाली गलती ना दोहराए। 

नेपाल के पीएम केपी ओली ने कहा, ''उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ जी ने नेपाल को लेकर कुछ कहा है। उनकी टिप्पणी उचित नहीं है। केंद्र सरकार को उन्हें सलाह देनी चाहिए कि वह उन मुद्दों पर ना बोलें जो उनकी जिम्मेदारी नहीं है। उन्हें यह भी बताया जाए कि नेपाल को धमकी देने वाले बयान की निंदा की जाएगी।''

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 8 मई को उत्तराखंड में धारचूला और लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाले, 80 किलोमीटर लंबे, रणनीतिक रूप से अहम मार्ग का उद्घाटन किए जाने पर भारत और नेपाल के बीच रिश्ते में तनाव आ गया। नेपाल ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह राजमार्ग उसके क्षेत्र से गुजरता है। भारत ने यह कहते हुए उसके दावे को खारिज कर दिया कि यह रोड पूरी तरह भारत की सीमा के अंदर है।

इसके बाद नेपाल ने इन भारतीय क्षेत्रों को अपने नक्शे में शामिल किया है। बुधवार को नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने देश के नए और विवादित नक्शे को लेकर पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। नेपाल में मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत के साथ सीमा गतिरोध के बीच इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेपाल की सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि उसे राजनीतिक सीमाएं तय करने से पहले उसके होने वाले प्रभावों को ध्यान में रखना चाहिए। उसे यह भी देखना चाहिए कि तिब्बत का हश्र क्या हुआ। उसे तिब्बत जैसी गलती नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत एक ही आत्मा हैं भले ही दो देश हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और नेपाल के सदियों पुराने रिश्ते हैं, जो केवल सीमाओं की बंदिशों से तय नहीं हो सकते। दोनों देशों के रिश्ते सांस्कृतिक रूप से बहुत ही सुदृढ़ हैं। नेपाल की सरकार को हमारे रिश्तों के आधार पर ही कोई फैसला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेपाल अगर नहीं चेता तो उसे तिब्बत का उदाहरण याद रखना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *