सीएम कमलनाथ के कहने पर भी नहीं बनी समिति, किसानों में बढ़ रहा आक्रोश!

भोपाल
 मध्य प्रदेश में कांग्रेस किसान कर्ज माफी के जिस वादे की वजह से सत्ता में आई है अब वही किसान एक बार फिर आंदोलन करने पर मजबूर हो रहे हैं। सरकार बदली लेकिन किसानों की समस्या आ भी जस की तस है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अफसरोंं को किसानों की समस्या के निपटाने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की थी। लेकिन अफसरों की उपेक्षा के चलते सवा महीने होने के बाद भी समिति का गठन नहीं हो सका है।

बीते महीने हुए किसान आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ किसान संगठन की बैठक हुई थी। इस बैठक में सीएम ने यह फैसला लिया था कि किसानोंं की समस्या निपटाने के लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति सरकार और किसानों के बीच समन्वय बनाने और उनकी परेशानियों का हल निकालने में मदद करेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने 29 मई को भोपाल में की थी। लेकिन अफसर की ढीले रवैये के चलते सीएम की घोषणा पर अब तक अमल नहीं किया गया।

गौरतलब है कि सरकार में आने से पहले किसानों की समस्या को दूरकरने और उनका दो लाख तक का कर्ज माफ करने की घोषणा कांग्रेस ने की थी। सरकार में आए कांग्रेस को छह मीहने हो चुके हैं लेकिन प्रदेश के किसानों को अब तक कर्ज माफी की प्रक्रिया से पूरी तरह लाभ नहीं मिला है। सरकार दावा कर रही है कि उसने 50 हज़ार कर्ज वाले 22 लाख किसानोंं का कर्ज माफ किया है। लेकिन आधिकारिक आंकड़ा अब तक जारी नहीं किया गया है। वहीं, मई में हुए किसान आंदोन में मुख्यमंत्री और किसान संगठन के बीच हुई बैठक में यह तय हुआ था कि तीन महीने में कमेटी की बैठक कर किसानों की समस्याओं का समाधान होगा। लेकिन घोषणा हुआ एक महीने से अधिक समय हो चुका है। अब तक किसी भी कमेटी का पता नही चला है। इस बात से किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है। सरकार खुद कठघरे में खड़ी दिखाई दे रही है।

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