सिमी पर से प्रतिबंध हटाया जाए या नहीं, मप्र हाईकोर्ट में अंतिम बहस आज

जबलपुर
स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया संगठन यानी सिमी पर प्रतिबंध के मामले में सुनवाई के लिए गठित ट्रिब्यूनल ने सोमवार को दूसरे दिन की सुनवाई पूरी की। सुबह 10 बजे से लेकर 11:30 बजे तक सुनवाई के दौरान दो प्रकरणों में आरोपितों की ओर से पक्ष प्रस्तुत करना था।

सुनवाई के दौरान सिमी आरोपितों के वकीलों ने अतिरिक्त जानकारी पेश करने के लिए एक दिन की मोहलत मांगी। लिहाजा, ट्रिब्यूनल ने एक दिन का अतिरिक्त समय दे दिया। मंगलवार को सिमी आरोपितों के वकील अपने पक्षकारों के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी वाला शपथपत्र पेश करेंगे। इसी के साथ फाइनल बहस को गति दी जाएगी।
 
उल्लेखनीय है कि यह ट्रिब्यूनल पांच साल में एक बार सिमी के प्रतिबंध को लेकर देश के विभिन्न् राज्यों में जाकर सुनवाई करता है। इस बार जनवरी 2019 में यह पांच साल की प्रतिबंध अवधि समाप्त हो गई थी। जिसे 1 फरवरी 2019 से बढ़ाकर जनवरी 2024 तक बढ़ाया गया है।

सिमी के वकील नईम खान- विगत पांच वर्षों के दौरान प्रतिबंधित संगठन सिमी की ओर से ऐसी कोई घटना को अंजाम नहीं दिया गया, जिसे गंभीरता से लेकर प्रतिबंध की अवधि को और आगे बढ़ाने का निर्णय लिया जाना आवश्यक हो। ऐसे में पांच वर्ष की प्रतिबंध अवधि समाप्त होने के साथ प्रतिबंध हटाया जाना अधिक न्यायसंगत होगा।

केन्द्र की ओर से एडीशनल सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद- सिमी की गतिविधियां अब भी संदिग्ध हैं। उनके सदस्यों के चारों तरफ फैले होने की जानकारी इंटेलीजेंस सूत्रों के हवाले से समय-समय पर सामने आई है। ऐसे में पांच साल पूर्व लगाया गया प्रतिबंध आगे भी बढ़ाया जाना अति आवश्यक है।

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