सावन का चौथा सोमवार: कैसे भगवान शिव करेंगे भाग्योदय? जानिए उपाय

 

 
नई दिल्ली 

जन्म कुंडली में पितृदोष का योग जब बनता है जब कुंडली के तृतीय चतुर्थ पंचम सप्तम अष्टम नवम दशम भाव और सूर्य गुरु शनि राहु केतु से पीड़ित हो. पंचम भाव में राहु विराजमान हो तो ऐसी स्थिति के अंदर कुंडली में पितृदोष का निर्माण हो जाता है और व्यक्ति का भाग्य उदय नहीं हो पाता.

योग्यता और कठिन मेहनत के बाद भी उस व्यक्ति के जीवन में सफलताओं से नहीं मिल पाती वह हर रोज किसी न किसी नई समस्या में घिरा ही रहता है.

उपाय

हर रोज सुबह जल्दी उठने के साथ सूर्य नमस्कार की आदत डालें

– गायत्री मंत्र का 108 बार लाल चंदन की माला से सुबह के समय जाप करें

– अपनी आय में से कुछ ना कुछ दान पुण्य के लिए भी जरूर निकालें

– भगवान शिव के नमः शिवाय मन्त्र का जाप करें

कुंडली का केमद्रुम योग भी भाग्य उदय में डालता है दिक्कत

– जन्म कुंडली में चंद्रमा से दूसरे और बारवें भाव में कोई शुभ ग्रह जैसे मंगल बुध गुरु शुक्र ना होने के कारण केमद्रुम योग बनता है

– कुंडली में केमद्रुम योग के दुष्प्रभाव के कारण व्यक्ति कितनी भी मेहनत क्यों ना करें वह सफल नहीं हो पाता है

– ऐसा व्यक्ति चाहे जितना  धनवान के घर में जन्म ले लेकिन वह धीरे-धीरे दरिद्र ही हो जाता है

उपाय

हर पूर्णिमा का व्रत करें और ॐ सोम सोमाय नमः मन्त्र का जाप करें

-शुक्ल पक्ष के सोमवार के दिन भगवान शिव को दूध दही घी शहद शक्कर( पंचामृत) से स्नान कराएं

– जरूरतमंद लोगों ने चावल दही सफेद कपड़ा मिश्री आदि का दान जरूर करें

कुंडली का विष योग भी भाग्य उदय में करता है परेशानी

– जन्म कुंडली में चंद्रमा और शनि की युति या चंद्रमा और शनि का एक दूसरे से दृष्टि संबंध विष योग बनाता है ऐसे  लोगों के जीवन में उन्हें संघर्ष बहुत ज्यादा करना पड़ता है.

– इस योग के दुष्प्रभाव के कारण व्यक्ति का भाग्य उदय नहीं हो पाता और  कार्य क्षेत्र में अस्थिरता आती है विवाह में देरी हो जाती है तथा  धन की स्थिति दिन प्रति दिन खराब होती जाती हैं

उपाय

इस योग के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए हर सोमवार और शनिवार के दिन भगवान शिव के सामने गाय के घी का दिया जलाएं.

– सफेद मिठाई का भगवान शिव को भोग लगाकर जरूरतमंद बच्चों में बांट दें

– रुद्राक्ष की माला से ॐ नीलकंठाय नमः मंत्र का 108 बार जाप शाम के बाद करें

सावन मास के चौथे सोमवार पर भगवान शिव करेंगे आपका भाग्योदय

–  सावन मास के चौथे सोमवार के दिन सुबह के समय जल्दी उठे और साफ वस्त्र पहने

–  घर की पूर्व दिशा में भगवान शिव की फोटो या चित्र रखें और गाय के घी का दिया जलाएं

– सफेद फल फूल और मिठाई से भगवान शिव की पूजा करें

–  एक कुशा के आसन पर बैठकर मन की इच्छा बोलते हुए शिवाष्टक का पाठ करें

–  पाठ पूरा होने के बाद सफेद मिष्ठान्न का भोग लगाकर परिवार के सभी सदस्य खाएं

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