सामूहिक विवाह में बाजा बजाने और नशा करके आने पर लगाई पाबंदी

रायपुर
 छत्तीसगढ़ हरदिहा साहू समाज के नेतृत्व में आठ फरवरी को महादेवघाट स्थित मैदान में होने जा रहे सामूहिक विवाह में 101 जोड़ों के विवाह का लक्ष्य रखा गया है। विवाह में वर-वधू पक्ष वालों की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने मेहमानों को अनुशासन में रखें। 11 बजे तक समारोह स्थल पहुंच जाएं। साथ ही समारोह में बाजा बजाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यदि कोई नशा करके आएगा तो उसे समारोह स्थल से बाहर कर दिया जाएगा।

हल्दी रस्म घर में, फेरे पंडाल में

समाज के अध्यक्ष नंदकुमार साहू एवं प्रवक्ता अजय साहू ने बताया कि प्रत्येक जोड़े के परिजन प्राचीन परंपरा का पालन करते हुए अपने-अपने घर में गृहदेवता, कुलदेवता के समक्ष मंगल कलश तोरण के साथ पूजा-अर्चना करेंगे। हल्दी रस्म की अदायगी घर में ही की जाएगी।

वर पक्ष ये सामान लाएंगे

सामाजिक रस्मो-रिवाज में वर पक्ष द्वारा जूमापागी, पांच तेल मौरी, हल्दी, एक छोटी सिंघोलिया, सुपाड़ी, पांच दिन पहले वधू पक्ष के घर पहुंचाई जाएगी। यदि भांवर की साड़ी एवं श्रृंगार सामग्री ले जाना चाहें तो ले जा सकते हैं। कुड़ा में लड्डू ले जाना वर्जित रहेगा। बारात के दिन एक पर्रा, पूजा सामान, दो गीला और एक सूखा नारियल, एक पाव दशांग, अगरबत्ती, हवन लकड़ी, दोना पत्तल, गुड़, शक्कर, मौलीधागा, कुंवारी धागा, पांच किलो चावल, पिसी हल्दी, दूध, दही, घी, गंगाजल, दो किलो आलू, सात सुपली, सात सिंघोलिया, सात हल्दी, सात सुपारी, आमपत्ता, दुर्बा, पीली मिट्टी साथ लेकर आना है। वधू के लिए विवाह मौर एवं मंगल सूत्र अपनी स्थिति के अनुसार लाना है। सिर ढंकने की रस्म के लिए मामा एक साड़ी ला सकते हैं।

वधू पक्ष ये सामान लाएंगे

वधू पक्ष जोरन का सामान, विदाई पेटी, कपड़ा, मामा परिवार वाले पांव पखारने के लिए बर्तन, पाणिग्रहण के लिए आटे का गोला बनाकर लाएंगे।

समाज देगा ये सामान

समाज की ओर से कलश, गठबंधन के लिए गमछा, लड़की के लिए चुनरी, वरमाला, पचहर की व्यवस्था की जाएगी।

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