साध्वी प्रज्ञा हिंदू आतंकवाद का जवाब हैः योगी आदित्यनाथ

भोपाल में भारतीय जनता पार्टी ने साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिया है जबकि उनके उपर बहुत से संगीन आरोप हैं. इस पर सफाई देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है की पार्टी के लिए विकास भी, सुशासन भी और राष्ट्रवाद भी बराबर के मुद्दे हैं. न्यूज़18 इंडिया के साथ खास बातचीत में उन्होने कहा‘‘अगर आप कांग्रेस का घोषणापत्र देखेंगे तो ऐसा लगता है की कांग्रेस का हाथ देशद्रोहियों के साथ है. समझौता एक्सप्रेस की घटना के बाद उस समय की कांग्रेस सरकार ने ‘हिंदू आतंकवादी’ नाम दिया था. कांग्रेस ने ‘हिंदू आतंकवादी’ नाम देकर देशद्रोह जैसा काम किया था. साध्वी प्रज्ञा हिंदू आतंकवाद का जवाब है.‘‘
लोकसभा चुनाव लगभग अपना आधा सफर तय कर चुका है. देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है चारों दिशाओं में मोदी लहर है और जो देश का मूड है वही यूपी का भी मूड है उन्होने कहा कि उनके अनुसार बीजेपी की किसी से कोई लड़ाई नहीं. 2019 में भारतीय जनता पार्टी पूर्ण ही नहीं प्रचंड बहुमत से जीतेगी.
इस बार लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी और विपक्ष आमने सामने नजर आ रहे हैं. इस पर बात करते हुए उन्होने कहा, ‘‘2014 में मोदी जी का नाम था. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होने जो काम किए थे, उसकी एक छाप थी. 2019 में मोदी जी का काम भी है. पाँच वर्ष के अपने कार्यकाल के दौरान मोदी जी के कमान में जो विकास, जो कार्य हुआ है वो पहले कभी नहीं हुआ.‘‘
उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के बारे में बात करते हुए उन्होने दावा किया कि 26 सीटों में से 21 सीटें भारतीय जनता पार्टी बिना किसी विवाद के जीत रही है. ‘‘हमारी लड़ाई केवल 5 सीटों पर है‘‘ हालाँकि उपचुनावों में हार का कारण पूछे जाने पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘उपचुनाव के नतीजे प्रत्याशी पर निर्भर करते हैं. जिस पर कभी आरोप ना लगा हो वो अगर चुनाव लड़ने के लिए खड़ा हो जाए तो उसकी सात पीढ़ियों की खबर जनता के सामने उजागर हो जाती हैं. इस उपचुनावों में मतदान प्रतिशत भी पिछली बार से कम था.‘‘
हाल ही में चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ पर उनकी भाषा शैली की वजह से अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया था. उन्होने कहा की उनकी भाषा शैली पहले जैसे थी वैसे ही रहेगी. ‘‘अगर कोई व्यक्ति जाति या मज़हब के नाम पर वोट माँगेगा तो मुझे भी पूरी स्वतंत्रता है बोलने की. ये चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है कि वो जाति और  मज़हब की राजनीति बंद करवायें, समाज को विभाजित करने वाली राजनीति को बंद करायें और उनके मंचों को बंद करें. मायावती, अखिलेश जी ने भी जाति और मज़हब के नाम पर वोट माँगे थे. क्यों नहीं उनको रोका गया? उन्होने जो वायरस फैलाया था मैने उसका एंटी डोज़ दिया.‘‘
प्रियंका गाँधी के वाराणसी से चुनाव ना लड़ने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा की कांग्रेस अपनी परंपरा की गुलाम है और वो अपने परिवार की किसी सदस्य को आगे करके बलिदान नहीं करेगी. उन्होने दावा किया की इस बार कांग्रेस अमेठी हारेगी.
बसपा की नेता मायावती के बारे में बात करते हुए उन्होने कहा, ‘‘मैं मायावती के धैर्य की दाद देता हूं. उन्होने अंबेडकर का नाम मिटाने वालों से हाथ मिलाया. वो अपने स्मारकों को बदहाल बनाने वालों के साथ मंच पर शामिल हैं. ये या तो सत्ता का लालच है या हार की घबराहट है.‘‘

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