साइकिल योजना ने बदल दी समाज की सोच : CM नीतीश

पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि 14 साल पहले राज्य का कार्यभार संभाला तो शिक्षा की स्थिति बहुत खराब थी। पांचवीं कक्षा के बाद गरीब परिवार की लड़कियां अच्छे कपड़े के अभाव में स्कूल नहीं जाती थी। हमलोगों ने पोशाक योजना की शुरुआत की और इसका फायदा दिखने लगा। हाईस्कूल में छात्राओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए साइकिल योजना की शुरुआत की। इस योजना से ना सिर्फ लड़कियों का आत्म विश्वास बढ़ा, बल्कि समाज की सोच और मानसिकता भी बदली। आज आलम यह है कि हाई स्कूलों में बच्चे-बच्चियों की संख्या बराबर हो गई है। मुख्यमंत्री सोमवार को मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर ज्ञान भवन में आयोजित शिक्षा दिवस समारोह में बोल रहे थे। 

उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2020 से राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में नौवीं की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। लड़कियां पढ़ी-लिखी होंगी तो बढ़ती आबादी का प्रतिशत भी घटेगा। जब हमने बिहार का काम संभाला तो राज्य का प्रजनन दह 4.3 प्रतिशत था जो घटकर 3.3 प्रतिशत पर आया गया है। हर दस साल पर बिहार की आबादी 24 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। इसी दर को कम करने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में पल्स टू तक की पढ़ाई की सुविधा बहाल की जा रही है। सवालिये लहजे में कहा पता नहीं शिक्षक क्या-क्या बोलते हैं? पर, हमने बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की। हर जिले में इंजीनियरिंग, जीएनम, महिला आईटीआई आदि की स्थापना हो रही है। अनुमंडल स्तर पर एएनएम, आईटीआई आदि खुल रहे हैं। ताकि बिहार के बच्चों को मजबूरी में शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़े। 

देश के विभाजन के पक्ष में नहीं थे आजाद 
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद की आजादी में बड़ी भूमिका थी। वे देश के विभाजन के पक्ष में नहीं थे। उनके ना चाहते हुए भी देश का विभजान हो गया तो उन्होंने अल्पसंख्यकों से अपील की कि वे देश को छोड़ कर नहीं जाएं। उनकी अपील का असर हुआ देश छोड़कर जाने वालों की संख्या में काफी कमी आई। उन्होंने कहा कि विकास के कार्य के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि समाज में प्रेम और भाईचारा का माहौल रहे। समाज में शांति रहेगी, तभी विकास भी तेज होगा। नई पीढ़ी के अंदर आपसी द्वेष, घृणा और घमंड का भाव नहीं आना चाहिए। महात्मा गांधी और मौलाना आजाद के विचारों के अनुसार ही हमलोग 14 सालों से बिहार में विकास का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न संकट को कम करने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत की गई है। 

शिक्षकों की हाजिरी के लिए तकनीक का उपयोग करें : मोदी 
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षकों की हाजिरी हमेशा मुद्दा बनती है। इसलिए शिक्षा विभाग को चाहिए कि शिक्षकों की स्कूलों में हाजिरी के लिए तकनीक का प्रयोग करे। ताकि स्कूलों में उनकी उपस्थिति की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त हो जाये। उन्होंने गुजरात सरकार का उदाहरण भी दिया, जहां शिक्षकों की उपस्थिति के लिए बेहतर तकनीक का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षकों का डाटा तैयार हो रहा है,जिसके बाद एक क्लिक से शिक्षक की तमाम जानकारियां ऑनलाइन प्राप्त होंगी। बिहार में 2007 से मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती मनायी जा रही है। इसके एक साल बाद से 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाने लगा। इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है।

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