साइकिल की निविदा निरस्त, छात्राओं को विलंब से होगा वितरण

रायपुर
 प्रदेश में सरकार बदली, पर स्कूली बालिकाओं को साइकिल बांटने का ढंग जस का तस है। अधिकारी अभी भी पुराने ढर्रे पर काम कर रहे हैं। अब इस साल फिर साइकिल बांटने के लिए नए सिरे से निविदा की जा रही है।

निविदा बुलाने के बाद छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (सीएसआईडीसी) के अफसरों ने बिना कारण बताए इसे निरस्त कर दिया है। जाहिर सी बात है कि इस बार फिर बालिकाओं को समय पर साइकिल नहीं मिल पाएगी। निविदा क्यों निरस्त की गई, इसमें किस तरह का दबाव था, इस पर कोई भी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।

निविदा में हिस्सा लेने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों का कहना है कि उन्हें कुछ बताए बिना ही निविदा एकतरफा निरस्त कर दी गई। बताया जाता है कि चार-पांच निविदा वाले सामने आए थे। सवाल निविदा को निरस्त करने का नहीं, बल्कि समय पर बालिकाओं को साइकिल दिलाने का है। निविदा का रेट तय करने की जिम्मेदारी सीएसआइडीसी को मिली है।

अधिकारियों का कहना है कि अभी तो जिलों से डेटा जुटा रहे हैं, इसके बाद ही कह पाएंगे कि साइकिल कब दी जाएगी। इस साल भी करीब एक लाख 90 हजार बालिकाओं को साइकिल बांटने के लिए 70 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है । रायपुर में करीब 12 हजार बालिकाओं को साइकिल देनी है।

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