सवर्ण आरक्षण पर बोलीं मायावती- केन्द्र सरकार का यह फैसला चुनावी स्टंट से ज्यादा कुछ नहीं

 
लखनऊनई दिल्ली

 BSP अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर सवर्ण समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को राजनीतिक छलावा बताया। उन्होंने कहा कि BJP सरकार का यह फैसला चुनावी स्टंट के अलावा कुछ और नहीं है। मायावती जारी बयान में कहा कि देश के गरीब सवर्णों को भी आरक्षण की सुविधा दिए जाने की मांग बसपा ने की थी।

केन्द्र सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर सवर्ण समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के कैबिनेट के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा आमचुनाव से ठीक पहले BJP सरकार का यह फैसला वास्तव में सही नीयत से नहीं लिया गया है। अच्छा होता कि यह फैसला पहले लिया गया होता ताकि भाजपा सरकार को इसे सही ढंग से अमल करके गरीब सवर्णों को इसका लाभ देने के लिए संसद तथा संसद के बाहर न्यायालय में भी मार्ग प्रशस्त करके दिखाती। उन्होंने कहा कि BSP इस संबंध में लाए जाने वाले संविधान संशोधन विधेयक का जरूर समर्थन करेगी।

मायावती ने कहा कि बसपा गरीब सवर्णाें के साथ-साथ मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के गरीबों को भी इसी तरह से आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने की मांग काफी लंबे समय से करती चली आ रही है। BJP ने अन्य गरीबों की उपेक्षा करते हुए उनके साथ न्याय करने का प्रयास नहीं किया है जो अति-दु:खद एवं निंदनीय है। वास्तव में देश में SC/ST तथा OBC वर्गों को मिल रहे आरक्षण की पुरानी व्यवस्था की अब समीक्षा करके इन वर्गों को इनकी बढ़ी हुई आबादी के हिसाब से समुचित आरक्षण दिए जाने की सख्त जरुरत है।

उन्होंने कहा कि संविधान में सामाजिक, शैक्षणिक व अर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछडे वर्गों को आरक्षण दिए जाने की जो वर्तमान व्यवस्था है। देश की जनसंख्या के साथ ही इन वर्गों की जनसंख्या भी अब काफी ज्यादा बढ़ बई है। उस पर कोई भी ध्यान नहीं दिया गया है। अब इस बात की भी आवश्यकता है कि एससी/एसटी तथा OBC वर्गों को मिलने वाले आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा की सही नीयत के साथ समीक्षा की जाए। उन्हें इनकी बढ़ी हुई आबादी के अनुपात में आरक्षण को भी समुचित तौर पर बढ़ाकर दिए जाने की नई संवैधानिक व्यवस्था की जाए।

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