सरकार ने गंगाराम अस्पताल पर दर्ज कराई एफआईआर

नई दिल्ली
राजधानी में कोरना मरीजों (Coronavirus) की संख्या बढ़ने के साथ अस्पतालों में बेडों को लेकर भी विवाद तूल पकड़ चुका है। दिल्ली के अस्पतालों में बेड्स की संख्या पर दिल्ली सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अस्पतालों पर विपक्षी दलों के साथ मिलकर बदमाशी करने का भी आरोप लगाया। अब दिल्ली सरकार ने सर गंगाराम अस्पताल पर एफआईआर दर्ज करा दी है। यह FIR आईपीसी की धारा 154 के तहत दर्ज कराई गई है। आरोप है कि अस्पताल अपनी क्षमता के मुताबिक लोगों को सुविधाएं नहीं दे रहा है। उसपर भर्ती न करने और बेडों की कालाबाजारी का आरोप लगाया गया है।

अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि कोई भी अस्पताल अब किसी भी संदिग्ध केस को वापस न भेजे। उन्होंने आरोप लगाया था कि अस्पतालों की सेटिंग राजनीतिक दलों से है और वे दिल्ली सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि दिल्ली में पर्याप्त टेस्ट नहीं किए जा रहा है। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग सेंटर्स पर दिल्ली सरकार बहुत कम सैंपल पहुंचा रही है। सीएम ने बचाव करते हुए कहा कि कई लैब गलती कर रही थीं।

प्राइवेट अस्‍पतालों को सीएम की वॉर्निंग
केजरीवाल ने लापरवाही बरत रहे प्राइवेट अस्‍पतालों (Delhi Hospitals) से कहा कि उन्‍हें मरीजों का इलाज तो करना ही होगा। चेतावनी भरे अंदाज में सीएम ने कहा, "उन अस्पतालों का कहना चाहता हूं कि आपको कोरोना के मरीजों का नियमों के हिसाब से इलाज करना ही होगा। कुछ दो-चार अस्पताल इस गलतफहमी में हैं कि वे ब्लैक मार्किंटिंग कर लेंगे, उन अस्पतालों को बख्शा नहीं जाएगा। कल से एक- एक अस्पताल के मालिक को बुला रहे हैं और पूछ रहे हैं कि कोरोना के मरीजों का इलाज तो करना ही होगा। 20 फीसदी बेड तो रखने ही होंगे, नहीं तो 100 फीसदी बेड कोरोना के लिए कर लेंगे।'

अब एसिम्प्टमेटिक मरीज 24 घंटे से ज्यादा अस्पताल में नहीं रहेंगे
दिल्ली सरकार ने आदेश दिया है कि एसेम्प्टमेटिक और माइल्ड सिम्प्टम वाले मरीजों को 24 घंटे के भीतर अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी और उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जाएगा। AAP नेता राघव चड्ढा ने यह भी कहा कि हर निजी अस्पताल में सरकार का मेडिकल प्रफेशनल बैठाया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई अस्पताल मरीज को वापस न भेजे।

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