सरकार का बड़ा झटका बेरोजगारी भत्ता देने की योजना नहीं
भोपाल
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार विधानसभा चुनाव से पहले किए गए वादों को लेकर लगातार यू टर्न ले रही है। कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। लेकिन छह महीने में अब तक किसी भी बेरोज़गार को ऐसा भत्ता नहीं मिला है। सरकार ने विधानसभा में बताया है कि फिलहाल सरकार का ऐसा कोई भत्ता देने की योजना नहीं है।
सरकार ने बताया कि सरकार द्वारा युवा स्वाभिमान योजना, मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री कौशल्या योजना एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तथा आईटीआई एवं पॉलीटेक्निक के माध्यम से कौशल संवर्धन का कार्य किया जा रहा है, जिससे उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त जॉब फेयर योजना के तहत रोजगार मेलों का आयोजन किया जाता है जहां उन्हें निजी क्षेत्र द्वारा रोजगार के लिए चयनित किया जाता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह जानकारी दी।
विधायक मुन्नालाल गोयल ने यह सवाल पूछा था। जिसके लिखित जवाब में सीएम ने यह जानकारी सदन में दी। इसके अलावा उन्होंंने विधायक रमेश मेंदोला के सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र की सेवाओं के विस्तार के लिए जिला स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र विकसित कर एक लाख बेरोजगारों को 5 वर्ष अवधि का रियायती ब्याज दर पर ऋण बैंकों से उपलब्ध करवाने का उल्लेख वचन पत्र में है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बेरोजगारी भत्ता योजना शुरू की है। वैसे यह योजना पहले से मप्र राज्य में लागु थी। परन्तु इस योजना से ज्यादातर लोग लाभ नहीं उठा पा रहे थे। इसलिए बेरोजगारी भत्ता योजना को प्रदेश में फिर से शुरू करने की घोषणा की गयी। इस योजना के तहत, बेरोजगार और शिक्षित युवाओं को सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करती है। जब तक उनकी नौकरी नहीं लग जाती है। इसके लिए आवेदनकर्ता को रोजगार कार्यालय में जाके पंजीकरण करना आवश्यक होता है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव से कांग्रेस ने अपने वचन पत्र (घोषणापत्र) में प्रदेश के युवाओं को चार हजार रुपए तक का बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था।