सरकारों ने ऐसे कर्ज माफ किया तो बैंक नहीं देंगे किसानों को लोन: RBI

रायपुर 
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनने के साथ ही कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ कर दिया. अब RBI ने इस कर्ज माफी के साइड इफेक्ट्स गिनाते हुए सरकार को इशारों ही इशारों में चेतावनी दे डाली है. रिजर्व बैंक के मुताबिक, किसानों की कर्ज माफी से बैंक भविष्य में किसानों को कर्ज देने में कंजूसी बरत सकते हैं.

RBI के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016-17 में कृषि कार्य के लिए आवंटित कर्ज की वृद्धि दर 12.4 फीसदी थी जो वर्ष 2017-18 में घट कर 3.8 फीसद रह गई थी. चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में यह 5.8 फीसदी है, RBI ने इसके लिए कृषि कर्ज माफी को जिम्मेदार तो ठहराया है. वैसे माना जा रहा है कि इसकी मुख्य वजह किसानों की कर्ज माफी पर राजनीतिक बहस होती है, जिसकी शुरुआत के साथ ही किसान अपना कर्ज चुकाना बंद कर देते हैं. किसानों की तरफ से कर्ज नहीं मिलने की आशंका के बाद बैंक भी उन्हें कर्ज देने में हिचकने लगते हैं. ये भी पढ़ें-रघुराम राजन बोले- किसानों की कर्जमाफी सही नहीं, राजनीतिक दल न करें वादा

हाल ही में RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी किसानों की कर्ज माफी के साइड इफेक्ट गिनाए थे. उन्होंने कहा थआ कि ऐसे फैसलों से राज्य और केंद्र की अर्थव्यवस्था पर निगेटिव असर होता है. रघुराम राजन ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी का सबसे बड़ा फायदा साठगांठ वालों को मिलता है. इसका फायदा गरीबों की जगह अमीर किसानों को मिलता है. उन्होंने आगे कहा कि जब भी कर्ज माफ किए जाते हैं, तो देश के राजस्व को भी नुकसान होता है. रघुराम राजन ने तो किसानों की कर्ज माफी के वादे पर ही प्रतिबंध लगाने की मांग कर डाली थी.

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