सरकारी खजाना खाली, इन विभागों ने भी खींचे हाथ

बैतूल
 प्रदेश सरकार का खजाना खाली है। जिससे नई बनी कांग्रेस सरकार के सामने आर्धिक संकट खड़ा है। विभागों ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए है। प्रदेश में जहां सरकारी खजाना खाली पड़ा है वहीं इस खजाने को भरने वाले सरकारी विभागों की माली हालत भी खस्ताहाल है। चुनावी साल होने के कारण इस बार सरकारी विभागों में राजस्व संग्रहण का काम न के बराबर हुआ है। चुनाव से निपटने के बाद सरकारी विभाग अब वसूली के लिए अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकारी विभागों के लिए राजस्व वसूली का टारगेट पूरा कर पाना मुश्किल नजर आ रहा है क्योंकि आने वाले साल में फरवरी अंत या मार्च माह की शुरूआत में आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में सभी विभागों के कर्मचारियों को वसूली छोड़ चुनाव कार्य में जुटना होगा।

टारगेट की आधी वसूली भी नहीं हो सकी
विभाग खनिज विभाग
लक्ष्य ९२ करोड़
वसूली ३८ करोड़

आय के स्त्रोत
 खनिज विभाग में आय का मुख्य स्त्रोत डब्ल्यूसीएल से मिलने वाली कोयले की रायल्टी है। इसके अलावा अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण आदि से होने वाली वसूली से भी विभाग को आय प्राप्त होती है। इस साल चुनाव की वह से वसूली का काम पिछड़ गया है। वहीं आने वाले साल में लोकसभा चुनाव के कारण वसूली का टारगेट पूरा होना मुश्किल नजर आ रहा है। हालांकि विभाग लक्ष्य के अनुरूप वसूली करने की बात कह रहा है।

हर साल की तरह इस साल भी पिछड़े
विभाग जलसंसाधन
लक्ष्य ११९.०८५ लाख
वसूली २३.५० लाख

आय के स्त्रोत
 जलसंसाधन विभाग में किसानों से की जाने वाली जलकर की वसूली आय का प्रमुख स्त्रोत है। इस साल अल्पवर्षा की वजह से एक सैकड़ा से अधिक जलाशय सूखे पड़े हैं। जिसके कारण विभाग कई किसानों को पानी नहीं दे पाया है। पूर्व की बकाया वसूली भी सालों से चली आ रही है। वर्तमान में जिन जलाशयों से पानी दिया जा रहा है वहां किसानों की संख्या सिमित बताई जाती है। जिससे वसूली ग्राम नीचे जा सकता है।

रजिस्ट्री पंजीयन में कमी से वसूली प्रभावित
विभाग जिला पंजीयक कार्यालय
लक्ष्य ६८ करोड़
वसूली ३०.५७ करोड़

आय के स्त्रोत
 जिला पंजीयक विभाग के पास आय का प्रमुख स्त्रोत स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन शुल्क से होने वाली वसूली है। चूंकि विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगी होने के कारण स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन शुल्क में भारी कमी आई है। जिसका असर विभाग की राजस्व वसूली पर भी पड़ा है। विभाग लक्ष्य से आधी ही वसूली कर सका है।

अभियान में जुटी नपा वसूली में पिछड़ी
विभाग नगरपालिका
लक्ष्य ७.८८ करोड़
वसूली १.५८ करोड़

आय के स्त्रोत
 नगरपालिका के पास आय के विभिन्न स्त्रोत है। इनमें संपत्तिकर, समेकित कर, सामान्य जलकर, जल शुल्क, दुकान/भवन भूमि किराया, शिक्षा उपकर एवं नगरीय विकास उपकर शामिल है, लेकिन वसूली के मामले में नगरपालिका की हालात फिर भी खस्ताहाल है। नगरपालिका नवंबर माह की स्थिति में २० प्रतिशत ही कर वसूल कर सकी है। जबकि आने वाले दिनों में नपा को वसूली के लिए मशक्कत करना पड़ सकता है।

पिछड़े पर हर साल हासिल करते हैं लक्ष्य
विभाग आबकारी
लक्ष्य १२८ करोड़
वसूली ८२ करोड़

आय के स्त्रोत
 आबकारी विभाग के पास आय के प्रमुख स्त्रोतों में शराब दुकानों से मिलने वाली लायसेंस फीस है। जिसका लक्ष्य हर साल अप्रैल माह की शुरूआत में निर्धारित किया जाता है। लक्ष्य के अनुरूप हर साल विभाग शतप्रतिशत वसूली कर लेता है लेकिन इस बार चुनाव की वजह से वसूली का प्रतिशत थोड़ा कम है लेकिन विभाग का कहना है कि मार्च अंत तक शतप्रतिशत वसूली हो जाएगी।

पहली बार लक्ष्य से अधिक वसूली
विभाग विद्युत वितरण कंपनी
लक्ष्य २५७.६९ करोड़
वसूली २५९.०७ करोड़

आय के स्त्रोत
 विद्युत वितरण कंपनी की आय का प्रमुख स्त्रोत बिजली बिलों की वसूली पर निर्भर करता है। यह पहला मौका है जब कंपनी ने लक्ष्य से अधिक वसूली की है। संबल योजना में सरकार की ओर से विद्युत कंपनी को ११५.५० करोड़ की सब्सिडी राशि मिलने से वसूली की स्थिति में सुधार आना बताया गया है। वैसे विभाग लक्ष्य के अनुरूप १४३.५७ करोड़ ही वसूल कर पाया है।

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