सरकारी अधिकारियों के लिए प्रमोशन हुई टेढ़ी खीर, देनी होगी ये परीक्षा

 लखनऊ                                                        
यूपी सरकार ने राज्य सरकार के अधिकारियों के मेरिट के आधार पर प्रमोशन से भरे जाने वाले पदों के लिए बेंच मार्क तय कर दिया है। सौ अंकों में से 80 या अधिक अंक पाने का बेंच मार्क तय किया गया है। चयन समिति बेंच मार्क घटाने में सक्षम होगी। हाईकोर्ट ने बेंच मार्क तय न होने का तकनीकी सवाल उठाते हुए आवास, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग सहित कई विभागों के अधिकारियों के प्रमोशन की डीपीसी इस आधार पर रद्द कर दी थी। 

उदाहरण के लिए यूपी आवास विकास परिषद में एक साल से मुख्य अभियंता पद की डीपीसी नहीं हुई थी, जबकि नियमानुसार डीपीसी जून 2018 में हो जानी चाहिए थी। आवास विभाग के कुछ अफसरों की लापरवाही से डीपीसी जून 2019 में जाकर हुई। डीपीसी में मेरिट के आधार पर मुख्य अभियंता के पद पर सुनील चौधरी का प्रमोशन किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और तत्कालीन मुख्य सचिव डा.अनूप चंद्र पांडेय की मंजूरी के बावजूद विभागीय अधिकारी करीब 20 दिन फाइल को दबाए रहे। तत्कालीन प्रमुख सचिव आवास देवेश चतुर्वेदी आए, तब जाकर उन्होंने प्रोन्नति के आदेश जारी किए। साथ ही फाइल दबाने वाले अफसरों को फटकारा। हाईकोर्ट ने यह डीपीसी बेंच मार्क तय न होने पर रद्द कर दी है। साथ ही डीपीसी दोबारा करने के आदेश दिए हैं। ऐसे कई विभागों के मामले सामने आने पर प्रदेश सरकार ने बेंच मार्क पर फैसला कर लिया है। 

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी कर दिए हैं। सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को भेजे इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट सहित विभिन्न अदालतों के आदेशों का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि शासनादेश 20 नवंबर 2017 के इस वाक्य (यथाआवश्यकता संपूर्ण सेवाकाल की प्रविष्टियां देखी जा सकती हैं) तथा उनकी आपसी तुलनात्मक पारस्परिक श्रेष्ठता के क्रम में सर्वोत्तम अधिकारियों का चयन किया जाए, को हटा दिया गया है। इसके अलावा अंकात्मक बेंचमार्क तय करते हुए मूल्यांकन आदि की प्रक्रिया के संबंध में मार्गदर्शक सिद्धांत तय कर दिए गए हैं। अंतिम 10 वर्षों से मतलब चयन वर्ष से ठीक 10 साल पूर्व की अ‌वधि के रिकार्ड से होगा। इन वर्षों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियों और अन्य अभिलेखों का संज्ञान लिया जाएगा। 

प्रविष्टियों के आधार पर अंक देने की व्यवस्था 

– 12 माह की उत्कृष्ट प्रविष्टि के लिए 10 अंक
– 12 माह की अति उत्तम प्रवृष्टि के लिए 08 अंक
– 12 माह की उत्तम-अच्छा प्रविष्टि के लिए 05 अंक 
– 12 माह की संतोषजनक प्रवृष्टि के लिए 02 अंक 
– 12 माह की खराब-असंतोषजनक प्रविष्टि के लिए 05 अंक घटाए जाएंगे 
– निलंबन अवधि के लिए कोई अंक नहीं, लेकिन औसत मू्ल्यांकन 
– तीन माह से कम अवधि की प्रविष्टि के लिए कोई अंक नहीं, प्रविष्टि अप्राप्त मानी जाएगी 
– चयन समिति द्वारा प्रविष्टियों के अंक देते समय संपूर्ण प्रविष्टि देखकर ग्रेडिंग की जाएगी

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