समय पूर्व चुनाव की मांग खारिज, ब्रिटिश PM बोरिस जॉनसन को दूसरा झटका

 
 ब्रिटेन

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को ब्रेक्जिट मामले में बुधवार को संसद में दूसरा झटका लगा. बोरिस जॉनसन ने 15 अक्टूबर को समय से पहले चुनाव की मांग की जिसे ब्रिटिश सांसदों ने एक सुर में खारिज कर दिया.

विपक्षी सांसदों और टोरी दल के विद्रोहियों ने ब्रिटेन को बिना डील के यूरोपीय यूनियन से बाहर जाने से रोकने के लिए 300 के मुकाबले 329 मतों से बिल को पास कर दिया. इसका मतलब यह हुआ कि अगर अक्टूबर के मध्य तक ब्रेक्जिट समझौता नहीं होता है तो बोरिस जॉनसन को 31 अक्टूबर तक ब्रेक्जिट की समयसीमा बढ़ाने के लिए यूरोपीय संघ से कहने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

बोरिस जॉनसन पहले ही 15 अक्टूबर तक चुनाव कराए जाने की चेतावनी दे चुके हैं. पहले चुनाव कराए जाने के लिए संसद में बिल पेश करते हुए जॉनसन ने कहा, 'मैं चुनाव नहीं चाहता, जनता चुनाव नहीं चाहती लेकिन इस सदन के पास जनता के लिए यह निर्णय लेने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है कि वे प्रधानमंत्री के रूप में किसे चाहते हैं.' जॉनसन ने लेबर पार्टी के अपने प्रतिद्वंद्वी जेरेमी कॉर्बिन को चुनाव के पक्ष में मतदान करने की चुनौती दी.

ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने के बाद जॉनसन ने कहा था कि ब्रेग्जिट संभव होकर रहेगा और यह 31 अक्टूबर की निर्धारित समय सीमा के अंदर ही पूरा होगा. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को 31 अक्टूबर तक वादा पूरा करने के लिए समय से पहले आम चुनाव कराकर जीत हासिल करनी होगी.

यह प्रस्ताव अब बहस के लिए जाएगा और उसके बाद बुधवार की रात को मतदान किया जाएगा. ब्रिटेन में समय से पहले चुनाव कराने के लिए वहां के कानून के अनुसार प्रधानमंत्री को दो तिहाई सांसदों का समर्थन हासिल करना पड़ेगा लेकिन वर्तमान परिस्थिति में प्रधानमंत्री जॉनसन के लिए ये समर्थन हासिल करना एक बड़ी चुनौती साबित होगी. जानकारों का अनुमान है कि ब्रिटेन में आम चुनाव 31 अक्टूबर से पहले कराए जा सकते हैं, ताकि 31 अक्टूबर की डेडलाइन से पहले ही ब्रेग्जिट को अंजाम दिया जा सके.

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