सचिन को क्लीन चिट, लक्ष्मण का हितों का टकराव

मुंबई
भारतीय किकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) के नैतिक अधिकारी न्यायमूर्ति डीके जैन ने रविवार को पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को हितों के टकराव मामले में क्लीन चिट दे दी, लेकिन इसी मामले में वीवीएस लक्ष्मण को राहत नहीं दी गयी है। नैतिक अधिकारी ने माना कि भारतीय बोर्ड में क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य लक्ष्मण इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम सनराइजर्स हैदराबाद में अधिकारी और कमेंटेटर भी हैं, जिससे उनके हितों का टकराव पैदा होता है। हालांकि सचिन को हितों के टकराव मामले में क्लीन चिट मिल गयी है। न्यायमूर्तिक जैन ने अपने फैसले में कहा कि लक्ष्मण के हितों का टकराव हालांकि समाधान योग्य है और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पूर्व क्रिकेटर को दो सप्ताह के बीच एक समय में एक से अधिक पद पर न रहने का निर्देश दें ताकि वह किसी टकराव से बच सकें। इस मामले की जांच कर रहे नैतिक अधिकारी ने गत माह सचिन के खिलाफ हितों के टकराव के आरोपों को भी खारिज कर दिया था। सचिन ने कहा था कि जब तक उन्हें बोर्ड की ओर से इस मामले में नियम पालन का सहमति पत्र नहीं मिल जाता है वह सीएसी के सदस्य पद पर नहीं रहेंगे। ऐसे में साफ है कि जब तक सचिन को प्रशासकों की समिति (सीओए) से सहमति पत्र नहीं मिलता है वह विश्वकप के बाद टीम इंडिया के नये कोच चयन प्रक्रिया के लिये सीएसी के सदस्य नहीं रहेंगे। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ(एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने सचिन और लक्ष्मण पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था। हालांकि सचिन ने अपने हलफनामे में किसी पद से वित्तीय फायदे की बात से इंकार किया था और कहा था कि उनका हितों के टकराव का मुद्दा समाधान योग्य वर्ग में भी नहीं आता है।
 

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