शेयर बाजार में कोरोना का कोहराम, यूपी के 30 हजार करोड़ रुपये स्वाहा

 कानपुर 
कोरोना के खौफ से सोमवार को शेयर बाजार फिर कांप उठा। एक दिन में 3900 प्वाइंट सेंसेक्स नीचे आने से एक तरफ देशभर के निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा स्वाहा हो गए, वहीं एक घंटे में यूपी के निवेशकों की जेब से 30 हजार करोड़ निकल गए। पिछले एक महीने की बात करें तो अकेले उत्तर प्रदेश के निवेशकों को 1.24 लाख करोड़ की चपत लग चुकी है।

शुक्रवार को तेजी दिखाने वाला बाजार सोमवार को ताश के पत्तों की तरह ढह गया। सेंसेक्स अपने इतिहास में पहली बार 3934.72 अंकों (13.15%) की गिरावट के साथ अमेरिका तथा यूरोप में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में वृद्धि से पहले ही दुनियाभर के शेयर बाजार गिरावट के दौर में हैं। अब अगर बाजार को संभालना है तो वह कोरोना वायरस के मामलों में कमी से ही संभव हो सकता है।

पिछले एक महीने में देशभर के निवेशकों के 42 लाख करोड़ डूब चुके हैं। एनएसडीएल के मुताबिक बीएसई और एनएसई में कानपुर की हिस्सेदारी एक प्रतिशत है। प्रदेश में शेयर कारोबार का गढ़ कानपुर है। इसके बाद लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा, बनारस और प्रयागराज का नंबर आता है। सेंसेक्स में यूपी की अनुमानित हिस्सेदारी करीब तीन फीसदी है। इस आधार पर सोमवार को यूपी के निवेशकों को 30 हजार करोड़ रुपए का भारी भरकम घाटा हो गया। 

चिंतित यूपी स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व चेयरमैन और एसपीएफएल के एमडी पदम कुमार जैन ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव का समय आता रहता है। कारोबारी भाषा में इसे बुल और बियर कहा जाता है। इस समय बियर यानी गिरावट का दौर है। पहले कई दौर आ चुके हैं जब सेंसेक्स टॉप से आधे में आ चुका है। अभी निफ्टी 6 हजार तक आने की आशंका है लेकिन गिरावट का ये दौर एक साल में धीरे-धीरे आता है।

शेयर बाजार के इतिहास में पहली बार एसा हुआ है जब सेंसेक्स महज एक महीने में आधे पर आ गिरा हो। ये बेहद चिंताजनक स्थिति है। इस समय शेयर ब्रोकर के सामने सबसे बड़ी चुनौती समय से भुगतान करने की है। लॉक डाउन के कारण पैसा नहीं मिल पा रहा है। रुद्रा स्टॉक्स एंड ब्रोकर्स के वाइस प्रेसीडेंट विनोद खन्ना ने बताया कि कंपनियों में शट डाउन चल रहा है। उत्पादन बंद किए जा रहे हैं। लॉक डाउन की वजह से शेयर कंपनियों का संचालन बुरी तरह बाधित है। कर्मचारी ऑफिस नहीं जा पा रहे हैं। शेयर बाजार में वर्क टू होम काफी जटिल है।

बैंकों का समय भी सुबह 8 से 11 हो गया है इसलिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मेम्बर्स एसोसिएशन ने सरकार से कहा है कि शेयर बाजार को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया जाए। एसोसिएशन ने कहा कि ये समय इकोनॉमी की फिक्र करने का नहीं है क्योंकि उसे तो हम मिलकर दो से तीन क्वार्टर में संभाल लेंगे।

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