शेजवलकर का इस्तीफा मंजूर, सिंधिया की पसंद का होगा नया मेयर, घोषणा जल्द
ग्वालियर
ग्वालियर सांसद बनने के बाद विवेक नारायण शेजवलकर ने बीती 5 जून को महापौर पद से इस्तीफा दे दिया था जिसे अब लगभग सवा महीने बाद राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है। इस्तीफा स्वीकार होने के बाद अब नए महापौर के मनोनयन का रास्ता साफ़ हो गया है। हालांकि इस पर फैसला राज्य सरकार को लेना है कि वो ग्वालियर में महापौर नियुक्त करे या प्रशासक । लेकिन इतना तय है कि यदि महापौर की नियुक्ति होती है तो वो सिंधिया की पसंद से होगी।
5 जून को महापौर पद से विवेक शेजवलकर के इस्तीफे के बाद से नया महापौर कौन होगा इसकी चर्चा शुरू हो गई थी। सरकार ने परिस्तिथियों को देखा तो समझा कि यदि अभी इस्तीफा स्वीकार किया जाता है तो इसकी सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को देनी होगी और चूँकि नगरीय निकाय के चुनावों में छह महीने से अधिक का समय है तो संभव है उपचुनाव ना कराने पड़े। क्योंकि लोकसभा के परिणाम को देखकर कमलनाथ सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। इसलिए इस्तीफे को स्वीकार करने में समय लिया गया और अब इसे लगभग सवा महीने बाद स्वीकार कर लिया चूँकि अब नगरीय निकाय चुनाव में छह महीने से कम का समय बचा है तो ये तय है कि उपचुनाव नहीं होगा। या तो महापौर का मनोनयन होगा या प्रशासक नियुक्त किया जायेगा और ये फैसला सरकार को लेना है।
शेजवलकर का इस्तीफा मंजूर होने के बाद नए महापौर के लिए जोड़तोड़ शुरू हो गई है। जानकर बताते हैं कि चूँकि महापौर का वर्तमान पद अनारक्षित है इसलिए किसी अनारक्षित पार्षद को ये पद सौंपा जायेगा और इस दौड़ में सबसे ऊपर नाम नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित का बताया जा रहा है। लेकिन आरक्षित वर्ग से आने वाले उप नेता प्रतिपक्ष चतुर्भुज धनोलिया का नाम भी चर्चा में है। हालाँकि ग्वालियर का महापौर या प्रशासक कौन होगा इसका फैसला बिना ज्योतिरादित्य सिंधिया की सहमति के संभव नहीं होगा। उम्मीद की जा रही है कि एक सप्ताह में नए महापौर या प्रशासक की घोषणा हो जायेगी। सूत्र ये भी बताते हैं कि इस बात को लेकर भी सरकार में असमंजस की स्थिति थी कि ग्वालियर में प्रशासक नियुक्त करें या महापौर और फैसला लगभग महापौर नियुक्त करने पर हुआ है । अब देखना ये होगा कि किसके भाग्य में बहुत कम समय का महापौर बनना लिखा है।