शिवराज का हमला- देश में घूम-घूमकर करुंगा कांग्रेस की ‘कर्जमाफी’ का झूठ उजागर

भोपाल
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने आज सोमवार दिल्ली में प्रेसवार्ता कर कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। शिवराज ने कर्जमाफी को लेकर फिर सवाल उठाए और सीएम बदलने की मांग की।शिवराज ने कहा आज सौ दिन से ज्यादा बीत गए, लेकिन मध्य प्रदेश में किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ है। ऐसे में तो राहुल गांधी को दस सीएम बदलने पड़ेंगे।

शिवराज ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 10 दिन में कर्ज माफी की बात करते हैं, वहीं उनकी सरकार के मुख्यमंत्री किसानों को मैसेज करवा रहे हैं कि आचार संहिता के कारण कर्ज माफी का पैसा नहीं दिया जा रहा है। किसानों के साथ यह धोखा है।कांग्रेस ने जो पहले वादा किया, वह पूरा नहीं किया। इसलिए मैं देश में घूम-घूमकर जनता के सामने इनका झूठा चेहरा उजागर करूंगा और आग्रह करूंगा कि इनके बहकावे में न आयें। कांग्रेस में किसानों को मूर्ख बनाने की परंपरा रही है। इस बार फिर कांग्रेस ने कर्ज माफी में भी यही किया है। यह बेशर्मी की पराकाष्ठा है । 

वही शिवराज ने गरीबों को 72  हजार रुपए सालाना पर हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी ने जैसे कर्ज माफी पर किसानों को धोखा दिया, उसी तरह अब गरीबी पर सर्जिकल स्ट्राइक की बात कर रहे हैं। राहुल गांधी कभी किसानों से झूठ बोलते हैं, कभी जनता से झूठ बोलते हैं, वह आदतन झूठे हैं। देश के जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहां से अब तक प्रधानमंत्री सम्मान निधि के लिए किसानों के नामों की सूची तक नहीं भेजी गई है। केंद्र की योजनाओं को बाधित करने की साजिश कांग्रेस कर रही है। जनता माफ नहीं करेगी।शिवराज ने कहा कि मैं तो जनता के बीच में जाता हूं और मजाक में पूछता हूं कि हमसे का भूल हुई, जो ये सजा हमको मिली, तो लोग कहते हैं कि मामा 2 लाख के चक्कर में आ गये थे। लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को ठीक कर देंगे।

 वहीं शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की कर्जमाफी के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बजट में किए गए प्रावधान पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में किसानों पर 48 हजार करोड़ का कर्ज है। लेकिन सरकार ने इसके लिए बजट में केवल 5 हजार करोड़ का प्रावधान किया। इसमें से भी केवल 13 सौ करोड़ रुपए बैंकों तक पहुंचे। इसमें से 600 करोड़ सहकारी बैंकों तक तो बाकी 700 करोड़ अन्य बैंकों तक पहुंचा है। ऐसे में लोन की राशि बैंकों को नहीं मिलने से अब वो किसानों को कर्जा चुकाने के लिए नोटिस भेज रहे हैं। केवल मध्य प्रदेश ही नहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी यही हाल हो रहा है।

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