शातिर चीन की हर चाल पर डोभाल की है नजर

 नई दिल्ली
लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए टकराव (India-China faceoff) को भले ही स्थानीय स्तर पर सुलझा लिया गया लेकिन मामला पूरी तरह शांत नहीं हुआ है। चीन ने सीमा पर बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती (Heavy deployment by China on border) कर दी है। बड़ी तादाद में मोटर बोट भी तैनात किए हैं।  भारत के शीर्ष नेतृत्व की करीबी नजर है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और हर एक गतिविधियों की जानकारी ले रहे हैं।

चीन का डर्टी गेम
चीन का यह डर्टी गेम उस वक्त चल रहा है जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है और इससे निपटने में लगी है। कोरोना वायरस चीन से पूरी दुनिया में फैला और अब यह मांग जोर पकड़ रही है कि वायरस के फैलने की अंतरराष्ट्रीय जांच हो और हजारों मौतों की जिम्मेदारी तय हो। ऐसे वक्त में चीन न सिर्फ जगह-जगह टकराव के जरिए इस मुद्दे से ध्यान भटका रहा है, बल्कि नेपाल को भी भारत के खिलाफ भड़का रहा है। माना जा रहा है कि लिपुलेख मामले (Lipulekh Mansarovar Link Road) में नेपाल को उकसाने में में चीन का ही हाथ है।

लद्दाख में चीन की तरफ से बढ़ी हलचल
भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच नोकझोक, टकराव आम बात है। सीमा पूरी तरह स्पष्ट नहीं है इसलिए पट्रोलिंग के दौरान जब भी दोनों देशों के सैनिकों का आमना-सामना होता है तो उनमें कभी हल्की तो कभी तीखी नोकझोक देखने को मिलती है। लेकिन इस बार का टकराव गंभीर रूप लेता जा रहा है। टकराव के बाद चीन ने अपनी ओर सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा दिया है। चीन के सैनिक इस हफ्ते उसी क्षेत्र में सैन्य अभ्यास कर रहे थे। उस सैन्य अभ्यास में इस्तेमाल हो रहे भारी हथियारों, सैन्य साजोसामानों को भी चीन ने बॉर्डर पर तैनात कर दिया है।

अस्थायी ढांचों को भी चीनी सैनिकों ने पहुंचाया नुकसान
यह भी माना जा रहा है कि चीनी सैनिकों ने पैंगोंग सो लेक के किनारे अपनी-अपनी पोजिशन भी ले ली है और मोटरबोट के जरिए आक्रामक गश्ती कर रहे हैं। इतना ही नहीं, बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने जो अस्थायी ढांचा बना रखे थे, उन्हें भी नुकसान पहुंचाया गया है।

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