शर्मनाक: गांववालों ने किया अंतिम यात्रा का बहिष्कार तो साइकिल पर ले गए बहन का शव

 
भुवनेश्वर 

ओडिशा के दानामांझी सभी को याद होंगे जो 10 किलोमीटर तक कंधे पर पत्नी का पार्थिव शरीर ले जाने के बाद चर्चा में आए थे. एक बार फिर ओडिशा के ही नबरंगपुर से दानामांझी जैसी घटना सामने आई है. यहां के चंदाहांडी ब्लॉक के मोती गांव में दो भाइयों को अपनी बहन का पार्थिव शरीर साइकिल पर बांधकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ा क्योंकि गांव वालों ने अंतिम यात्रा का बहिष्कार कर दिया था.

दिल दहलाने वाली ये घटना फिर से सरकार और प्रशासन की योजनाओं को ठेंगा दिखाती नजर आती है. जानकारी के मुताबिक इस आदिवासी जिले में शुक्रवार को 42 वर्षीय नुआखाई पांडे की बीमारी के चलते मौत गई जिनका पति उन्हें पहले ही घर से निकाल चुका था. मृतक महिला मोती गांव में अपने दो भाई टेकराम पांडे और पुरुषोत्तम पांडे के साथ रहती थीं.

 
बहन की मौत के बाद भाइयों ने अंतिम संस्कार के लिए जब पार्थिव शरीर घर से बाहर रखा तो गांववाले अंतिम संस्कार में शामिल होने को तैयार नहीं हुए. यही नहीं परिवार के रिश्तेदारों ने भी नुआखाई के अंतिम संस्कार में शामिल होने से इनकार कर दिया. भाइयों ने सुबह तक किसी के आने का इंतजार किया लेकिन शनिवार सुबह भी कोई मृतक के घर नहीं आया. तब जाकर मजबूरन दोनों भाइयों ने अपनी बहन का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया.

इसके बाद दोनों भाई एक साइकिल पर बहन के शव को बांधकर उसे श्मशान तक ले गए. अंतिम संस्कार के वक्त दोनों भाइयों के अलावा कोई भी मौजूद नहीं रहा. इस घटना ने एक बार भी मानवता को शर्मसार कर दिया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *