विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा- भारत सीमा पर अपने सैनिकों पर नियंत्रण रखे
पेइचिंग
लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद और कई घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि इस झड़प में चीन की सेना को भी भारी नुकसान पहुंचा है और उसके करीब 40 सैनिक हताहत हुए हैं। भारत सैनिकों की हत्या करने वाले चीन ने उल्टे भारतीय सैनिकों पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा है कि भारत सीमा पर अपने सैनिकों पर नियंत्रण रखे।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिन ने कहा, 'भारतीय सैनिकों की कार्रवाई की वजह से दोनों ही पक्षों के बीच गंभीर शारीरिक संघर्ष हुआ। चीन ने भारतीय पक्ष से इस पर आपत्ति जताई है। हमने भारत से अनुरोध किया है कि वह अपने सैनिकों पर सीमा को पार करने पर कड़ाई से नियंत्रण रखे या एकतरफा कार्रवाई करने से बचे जो सीमा की स्थिति को और ज्यादा जटिल बना सकता है।'
'भारत अपनी बात पर कायम नहीं रहा'
इस बीच चीनी सेना पीएलए ने एक बयान जारी करके 6 जून को हुई आम सहमति का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि भारत अपनी बात पर कायम नहीं रहा। पीएलए ने गलवान वैली को अपना बताते हुए कहा, 'गलवान वैली पर हमेशा से ही चीन का कब्जा रहा है।' पीएलए ने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने ‘जानबूझकर उकसाने वाले हमले किए’ जिस कारण ‘गंभीर संघर्ष हुआ और सैनिक हताहत हुए।’
भारत-चीन झड़प पर UN ने जताई चिंता
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच सोमवार को हुई झड़प पर पहली प्रतिक्रिया के तहत चीन की मीडिया ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की पश्चिमी थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली के हवाले से कहा, ‘चीन की हमेशा से गलवान घाटी पर संप्रभुता रही है।’ झांग ने दावा किया, ‘भारतीय सैनिकों ने अपने वादे तोड़े और सोमवार को एक बार फिर गलवान घाटी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया और जानबूझकर उकसाने वाले हमले किए, जिससे गंभीर संघर्ष हुआ और सैनिक हताहत हुए।’
‘भारत को सभी उकसावे वाली कार्रवाई रोक देनी चाहिए'
झांग ने कहा, ‘भारतीय सीमा पर तैनात बल अपने शब्दों पर कायम नहीं रहे और दोनों देशों के बीच बनी सहमति का गंभीर रूप से उल्लंघन किया, कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान बनी सहमति का उल्लंघन किया और दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों और दोनों देशों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई।’ झांग ने कहा, ‘भारत को सभी उकसावे वाली कार्रवाई रोक देनी चाहिए, चीनी पक्ष से बात करनी चाहिए और वार्ता के माध्यम से विवाद के समाधान के सही रास्ते पर लौटना चाहिए।’
उधर, चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने चेतावनी देते हुए कहा है कि एलएसी पर हाल के दिनों में बढ़ती झड़पों का कारण भारत को हुई दो गलतफहमियां हैं। चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत मतभेद की परवाह न करते हुए सीमा पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। चीनी मीडिया ने भारत पर अहंकारी रूख अपनाने का आरोप भी लगाया।