वो भाजपाई नेता जिसने कांग्रेसी कांतिलाल भूरिया को हराया और उनके बेटे को भी

रतलाम 
मध्यप्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता और रतलाम संसदीय सीट से मौजूदा सांसद कांतिलाल भूरिया चुनाव हार गए हैं. बीजेपी के जीएस डामाोर ने कांतिलाल भूरिया को बड़े अंतर से हराया है.  जीएस डामोर हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में भी कांतिलाल भूरिया के बेटे को भी हराया था. छह महीने बाद एक बार फिर से डामोर ने कांतिलाल भूरिया को हरा कर रतलाम सीट जीत लिया है.

कहा ये जा रहा था कि इस बार कांतिलाल भूरिया अपने बेटे की हार का बदला डामोर से लेंगे, लेकिन ये हो नहीं सका. भूरिया के गढ़ में ही डामोर ने पटखनी दी है. बीजेपी प्रत्याशी गुमान सिंह डामोर का चुनावी मैनेजमेंट भूरिया के मैनेजमेंट पर भारी पड़ गया. रतलाम लोकसभा सीट कांग्रेस की गढ़ रही है और इस गढ़ में कांग्रेस को पछाड़ना बड़ी बात है. बता दें कि एक बार छोड़कर अभी तक हर बार कांग्रेस ने इस सीट से जीत हासिल की थी. झाबुआ-रतलाम लोकसभा सीट कांग्रेस पार्टी 1970 से जीतती आ रही है.

कांग्रेसी दिग्गज और आदिवासी नेता दिलीप सिंह भूरिया इस सीट से लंबे समय तक सांसद रहे. हालांकि, कांतिलाल भूरिया और दिग्विजय सिंह की राजनीति का शिकार हुए दिलीप सिंह को बाद में कांग्रेस छोड़नी पड़ी थी. साल 1998 से 2019 तक कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया इस सीट से 5 बार सांसद रहे हैं.

पिछले लोकसभा चुनाव में भी मोदी लहर की वजह से कांतिलाल भूरिया यह सीट हार गए थे. बीजेपी के दिलीप सिंह भूरिया ने उन्हें 1 लाख से ज्यादा वोटों से हरा दिया था. लेकिन, 2015 में बीजेपी सांसद दिलीप सिंह भूरिया का निधन हो गया. सीट खाली होने कारण यहां उपचुनाव हुआ और फिर कांतिलाल भूरिया जीत गए. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी और दिलीप सिंह भूरिया की बेटी निर्मला भूरिया को 88 हजार वोटों से हराया था.

2019 में कांतिलाल भूरिया को कांग्रेस ने फिर से टिकट दिया, लेकिन इस बार भी कांतिलाल भूरिया हार गए. झाबुआ-रतलाम कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. बीजेपी ने संघ के कोटे से झाबुआ विधायक जीएस डामोर को मैदान में उतारा और उन्होंने एक लाख से भी ज्यादा अंतर से जीत दर्ज की.

कांतिलाल भूरिया के बारे में कहा जाता है कि वह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह गुट के हैं. अगर इस चुनाव में वह जीतते तो दिग्विजय सिंह मजबूत होते. छह महीने के अंदर गुमान सिंह डामोर ने दूसरी बार अपनी ताकत साबित किया.

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