वो आखिरी फोन: पापा फैक्ट्री में आग लग गई है, हमें बचा लो…

नई दिल्ली
'पापा बहुत डर लग रहा है। फैक्ट्री में आग लग गई है। बचना मुश्किल लग रहा है। हमें बचा लो।' जवाब में पिता ने कहा, चिंता मत करो, अल्लाह पर भरोसा रखो। बेटे और पिता के बीच इतनी ही बात हो पाई थी कि फोन कट गया। पिता हेलो…हेलो…बोलते रहे, लेकिन उन्हें बेटे से कोई जवाब नहीं मिला। दिल्ली में मौत की फैक्ट्री में काम करने वाले मोहम्मद इमरान का मुरादाबाद में रहने वाले अपने पिता को यह अंतिम कॉल थी। इस अग्निकांड में वह बच ना सके।

आपको बता दें कि रविवार को दिल्ली के अनाज मंडी इलाके की एक इमारत में लगी भीषण आग ने 43 लोगों की जान ले ली। धुएं से दम घुटने से इमरान की मौत हो गई। साथ ही इमरान का छोटा भाई और एक चचेरा भाई भी इस अग्निकांड की भेंट चढ़ गए। इमरान के रिश्तेदार मोहम्मद जुबेर ने बताया कि वे लोग नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के भजनपुरा में रहते हैं। उनके पास इमरान के पिता मोहम्मद जमील अहमद का रविवार सुबह फोन आया। उन्होंने बताया कि इमरान का तड़के 4:30 बजे के आसपास फोन आया था।

पिता ने कहा- अल्लाह पर भरोसा रखो
इतनी सुबह बेटे का कॉल देखकर वह घबरा गए। जब उन्होंने फोन उठाया तो इमरान ने बताया कि फैक्ट्री में आग लग गई है। आग बढ़ती जा रही है। जिंदगी खतरे में है, बचना मुश्किल लग रहा है। कुछ भी करके हमें बचा लो। जवाब में पिता ने उससे कहा था कि चिंता मत करो, अल्लाह पर भरोसा रखो। पुलिस को कॉल करो। इसी बीच उनका फोन कट गया। इसके बाद जमील अहमद ने इमरान को कई बार फोन लगाया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। उन्होंने दिन निकलने का इंतजार किया।

मुरादाबाद में रहता है परिवार
उन्हें अंदाजा नहीं था कि आग इतनी बड़ी होगी। जुबेर ने बताया कि उन्होंने फिर सुबह हमें कॉल करके फैक्ट्री जाकर हालात देखने को कहा। जब वे वहां पहुंचे तो वहां का मंजर देखकर सन्न रह गए। जुबेर ने बताया कि इमरान यहां पिछले करीब पांच साल से काम करता था। कुछ समय पहले उसने अपने छोटे भाई इकराम (35) को भी बुला लिया था। इकराम और इनके दो चचेरे भाई भी यहां काम करने के लिए आ गए। अग्निकांड में इमरान, इकराम और दो चचेरे भाइयों में से एक समीर की भी मौत हो गई। जुबेर ने बताया कि इमरान के तीन बच्चे और इकराम के दो बच्चे हैं। इनका परिवार मुरादाबाद में रहता है। बीच-बीच में ये मुरादाबाद जाकर घरवालों को पैसे देकर आते थे।

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