वोडा-आइडिया ने 3,043 और एयरटेल ने चुकाए 1950 करोड़

नई दिल्‍ली

देश की दिग्‍गज टेलीकॉम कंपनियां सरकार के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाये के संकट से जूझ रही हैं. इस बीच, अधिकतर कंपनियों ने स्पेक्ट्रम फीस (डेफर्ड स्पेक्ट्रम ड्यूज) बकाये का भुगतान कर दिया है. न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों की मानें तो वोडाफोन-आइडिया ने स्पेक्ट्रम फीस के तौर पर 3,043 करोड़ रुपये दिए हैं. इसके अलावा भारती एयरटेल ने 1,950 करोड़ रुपये जबकि रिलायंस जियो ने भी 1,053 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

दरअसल, टेलीकॉम कंपनियों को सरकार ने नीलामी में खरीदे गए स्पेक्ट्रम का भुगतान लंबी अवधि में किस्तों में करने की सहूलियत दे रखी है. यह बकाया टेलीकॉम कंपनियों एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की देनदारी से अलग है. बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल स्पेक्ट्रम भुगतान पर दो साल की छूट देने की मंजूरी दी थी. यानी टेलीकॉम कंपनियों को दो साल तक स्पेक्ट्रम के पिछले बकाया का भुगतान नहीं करना होगा.

AGR बकाया 1.47 लाख करोड़

हालांकि, स्‍पेक्‍ट्रम फीस का मामला AGR बकाया से अलग है. अगर AGR बकाये की बात करें तो टेलीकॉम कंपनियों पर सरकार का 1.47 लाख करोड़ रुपये है. इसमें एयरटेल पर 36 हजार करोड़, वोडाफोन-आइडिया पर 53 हजार करोड़, टाटा टेलिसविर्सिज पर 13,800 करोड़ और बीएसएनएल पर 4,989 करोड़ के अलावा एमटीएनएल पर 3,122 करोड़ रुपये का बकाया है.

इस बकाये में वोडाफोन-आइडिया ने 3500 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. जबकि एयरटेल ने 18,004 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. बता दें कि संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिए जाने वाले यूजेज और लाइसेंसिंग फीस को एजीआर कहते हैं.

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